जयपुर। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के गायत्री चेतना केन्द्र मुरलीपुरा में रविवार को पंच कुंडीय गायत्री महायज्ञ किया गया। विश्व कल्याण की कामना के साथ गायत्री एवं महामृत्युंजय मंत्र के साथ यज्ञ देवता को आहुतियां अर्पित की गई। संक्रामक बीमारी लम्पी के रुप में गोमाता पर आए प्राणघातक संकट के निवारण के लिए नारायण गायत्री मंत्र के साथ विशेष आहुति दी गई। प्रारंभ में षटकर्म करा कर देवी देवताओं का आह्वान किया गया। षोडशोपचार के बाद अग्नि प्रज्ज्वलित कर आहुति दी गई।
व्यास पीठ से कानाराम खंडेलवाल ने कहा कि भगवान पदार्थ के नहीं भाव के भूखे हैं। श्रद्धा भाव से ईश्वर को जो भी सामग्री अर्पित की जाती है वह उन्हें सहर्ष स्वीकार करते हैं। भगवान सहाय ने गुरुवंदना सहित प्रज्ञा गीतों की भाव भरी प्रस्तुति दी। गोमय परिवार के प्रवक्ता विवेकानंद शर्मा ने वृक्षों को कटने से बचाने और पर्यावरण सरंक्षण के लिए गोमय समिधा से अंतिम संस्कार करने और दैनिक जीवन में गो उत्पादों का अधिक से अधिक प्रयोग कर गायों की जान बचाने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि देश में अंतिम संस्कार के कारण हर वर्ष दो करोड़ वृक्ष काटे जाते हैं। इस मौके पर मानसी शर्मा का भारतीय संस्कृति के अनुसार जन्मदिन संस्कार मनाया गया। पंच तत्वों का पूजन किया गया। उपस्थित लोगों ने पुष्प वर्षा कर आशीर्वाद दिया। कमलेश शर्मा, मुकेश माथुर, मनोज पारीक, उमा शंकर खंडेलवाल, पंडित पवन शर्मा, पंडित महावीर उपाध्याय, नगेन्द्र वशिष्ठ, जयप्रकाश शर्मा सहित अनेक लोग उपस्थित रहे। एक बुराई छोड़ने और एक अच्छाई ग्रहण करने के साथ महायज्ञ की पूर्णाहुति हुई।