जयपुर। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम व पीएचईडी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा है कि माइनिंग व जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी क्षेत्र में माइंस सेफ्टी एफिसिएंसी, माइनिंग में प्रबंधकीय दक्षता, वाटर ऑडिट, एनर्जी ऑडिट, थर्ड पार्टी निरीक्षण सहित विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञ सहभागिता निभाते हुए कार्यक्षमता में सुधार के साथ, कार्यक्षमता में वृद्धि, लागत में कमी और बेहतर परिणाम और हानि के स्तर को न्यूनतम स्तर पर लाने के अनवरत प्रयास जारी रखे जाने चाहिए।
इसके लिए इस क्षेत्र में उपलब्ध संसाधनों के बेहतर उपयोग, लागत में कमी व कार्मिकों में और अधिक एफिसिएंसी के लिए प्रषिक्षण व ओरियंटेशन कार्यक्रमों व अध्ययन रिपोर्टों में प्राप्त सुझावों को धरातल पर लागू किया जा सकता है। नेषनल प्रोडक्टिविटि काउंसिल के अधिकारियों ने डॉ. सुबोध अग्रवाल ने चर्चा के दौरान इन क्षेत्रों में इन विभागों के साथ मिलकर सहभागिता निभाने में रुचि दिखाई है।
एसीएस माइंस, पेट्रोलियम एवं जलदाय डॉ. सुबोध अग्रवाल से बुधवार को सचिवालय में नेशनल प्रोडक्टिविटि काउंसिल एनपीसी के अधिकारियों ने मुलाकात की और पीपीटी के माध्यम से माइंस एवं जलदाय विभाग से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों को एनपीसी की गतिविधियों, कार्यक्रमों और मेंडेटरी दायित्वों की वर्चुअली जानकारी दी।
डॉ. अग्रवाल ने एनपीसी के अधिकारियों को सुझाव दिया कि वे खान विभाग व जलदाय विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर संभावित क्षेत्र चिन्हित करते हुए कार्ययोजना तैयार करें ताकि प्रदेश में खनिज, पानी, बिजली आदि का बेहतर व वैज्ञानिक तरीके से दोहन करते हुए और बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा सकें। उन्होंने एनपीसी के अधिकारियों को सुझाव दिया कि उनके द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सेवाओं व गतिविधियों से राज्य सरकार के संबंधित विभाग में एम्पेनल्ड कराए ताकि राज्य सरकार के विभाग व संस्थाएं एनपीसी की सेवाओं से जुड़ सके।
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि घरेलू उपयोग से लेकर कल कारखानों तक में बूंद बूंद पानी बचाने, बिजली बचाने, पानी-बिजली का बेहतर उपयोग से बचत आदि में अन्य उपायों के साथ ही कार्मिकों की सहभागिता सुनिश्चित करने से बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। इसके साथ खनिज खनन में भी बेहतर तकनीक और न्यूनतम हानि अधिकतम परिणाम प्राप्त किए जाने के सुझाव प्राप्त कर लागू किया जा सके।
नेशनल प्रोडक्टिविटि काउंसिल के क्षेत्रीय निदेशक केडी भारद्वाज व स्थानिय निदेशक मुकेश सिंह ने पीपीटी के माध्यम से बताया कि भारत सरकार के उपक्रम द्वारा 150 इंजीनियर्स, इकोनोमिस्ट, मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स के साथ ही 100 अन्य विशेषज्ञों के माध्यम से वाटर-एनर्जी ऑडिट, थर्ड पार्टी निरीक्षण, नीति दस्तावेज तैयार करने, प्रोजेक्ट फारमूलेशन, इवेलुएशन यहां तक कि रिक्रूटमेंट कार्य में सहभागिता की भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने बताया कि एनपीसी का नेटवर्क समूचे देश में फैला हुआ है और देश व प्रदेश में उत्पादकता बढ़ाने में शोध, अध्ययन, ऑडिट, निरीक्षण आदि कार्याें के साथ प्रभावी भूमिका निभाई जा रही है।
बैठक में उप सचिव माइंस नीतू बारुपाल, मुख्य अभियंता जलदाय केडी गुप्ता, दलीप गौड के साथ ही माइंस विभाग से अतिरिक्त निदेशक माइंस हर्ष सावनसुखा, एसएमई देवेन्द्र गोैड, सतीश आर्य व माइंस, पीएचईडी के अधिकारी वर्चुअली हिस्सा लिया। इस अवसर पर एनपीसी के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।