जयपुर: किसानों के हितों की बात करने वाली अशोक गहलोत सरकार बाजरे की समर्थन मूल्य पर खरीद के मसले को लेकर घिर गई है। दो दिन पहले भाजपा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने बाजरा उत्पादक किसानों के साथ सिविल लाइन्स फाटक को घेरा था तथा चेताया था कि बाजरे की सरकारी खरीद शुरू नहीं की तो वे बड़ा आंदोलन छेड़ेंगे। इस बीच किसान नेता योगेंद्र यादव आज जयपुर पहुंच गए तथा गहलोत सरकार पर बाजरा किसानों से 3200 करोड़ फ्राड का बड़ा आरोप जड़ डाला।
किसान नेता योगेन्द्र यादव ने राजस्थान की गहलोत सरकार को आड़े हाथों लेते हुए MSP के नाम पर फसली उपज की खरीद में राजस्थान में बड़ा फ्रॉड होने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि इससे बड़े पैमाने पर राजस्थान के किसानों को नुकसान हुआ है। राजस्थान में 3200 करोड़ रुपए का फ्रॉड बाजरा किसानों के साथ अब तक हो चुका है। एमएसपी से काफी कम दामों औने-पौने दामों पर बिचौलियों ने उनसे बाजरा खरीदकर जमकर लूटा है। राजस्थान में बाजरे की सरकारी खरीद और दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को लेकर स्वराज इंडिया के अध्यक्ष और जय किसान आंदोलन के फाउंडर मेंबर योगेन्द्र यादव ने जयपुर के पिंकसिटी प्रेस क्लब में प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि मनरेगा का फंड खत्म हो गया। राज्य सरकार ने मनरेगा के काम बन्द कर दिए हैं। ऐसे में किसानों के साथ मजदूर भी परेशान हैं।
राजस्थान में बाजरे के एमएसपी को लेकर लूट
किसान नेता योगेन्द्र यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्थान में न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर लूट चल रही है। जिसमें केन्द्र और राज्य सरकार पूरी तरह जिम्मेदार हैं। पूरे देश में बाजरे के प्रोडक्शन की लगभग आधी पैदावार लगभग 4 करोड़ क्विंटल बाजरा अकेले राजस्थान में पैदा होता है। बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2250 रुपए प्रति क्विंटल केन्द्र ने तय कर रखा है। लेकिन राजस्थान में 1400-1500 रुपए में बाजरा औने-पौने दामों पर बेचने को किसान मजबूर हैं।राजस्थान की मंडियों में आज लागत से भी कम रेट पर बाजरा बिक रहा है यह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले 4 साल में राजस्थान में बाजरे की खरीद एक क्विंटल भी नहीं हो पाई है। प्रदेश के किसान की करीब 3200 करोड़ रुपए की लूट और फ्रॉड सिर्फ बाजरे की फसल पर हुई है।
2250 रुपए एमएसपी पर तुरंत बाजरा खरीद शुरू करवाने की मांग
यादव ने सीएम से मांग रखी है कि 2250 रुपए के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बाजरा की सरकारी खरीद बिना देरी के शुरू की जाए। सरकारी नोटिफिकेशन तत्काल जारी हो और सभी जिलों में खरीद केंद्रों बनाए जाएं। उन्होंने कहा कि देश में 3 कृषि कानूनों के खिलाफ और एमएसपी की कानूनी गारंटी के लिए ऐतिहासिक किसान आंदोलन चल रहा है।कांग्रेस पार्टी और राजस्थान की कांग्रेस सरकार किसान आंदोलन के समर्थन में बयान देती रही है। लेकिन अगर इस समय भी राज्य सरकार प्रदेश के सबसे कमजोर बाजरा के किसान को मंडी में लुटने से नहीं बचा पाती है,तो यह किसानों के समर्थन में दिए मुख्यमंत्री गहलोत बयानों पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करेगा।
मुख्यमंत्री गहलोत को 2 अक्टूबर को भी लिखा था पत्र
2 अक्टूबर 2021 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेजा गया एक पत्र भी उन्होंने मीडिया के सामने सार्वजनिक किया। जिसमें राज्य में बाजरा की पूरी फसल को MSP पर तुरंत खरीद की व्यवस्था करवाने की मांग की गई थी।