नार्थ डेहली फोल्ड बेल्ट अलवर बिलेटा के पास लेड, जिंक, सिल्वर खनिज के भंडार

नार्थ डेहली फोल्ड बेल्ट अलवर बिलेटा के पास लेड, जिंक, सिल्वर खनिज के भंडार

जयपुर। अलवर की रैणी तहसील के बिलेटा के पास लेड, जिंक और सिल्वर डिपोजिट के स्पष्ट संकेत मिलने के बाद राज्य सरकार ने राजस्थान राज्य खनिज अन्वेषण ट्रस्ट से विस्तृत एक्सप्लोरेशन कराने का निर्णय लिया है। निदेशक माइंस एवं पेट्रोलियम संदेश नायक को आज अतिरिक्त निदेशक जियोलोजी आलोक जैन के नेतृत्व में अधिकारियों ने मौके का सेंपल दिखाया और संभावना व्यक्त की कि प्रदेश में अलवर बेल्ट में भी लेड, जिंक, सिल्वर के विपुल भण्डार उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि डिपोजिट्स को देखते हुए विभाग आशान्वित है कि खनन क्षेत्र के देश-विदेश से दिग्गज प्रतिभागी प्रदेश में निवेश के लिए आगे आएंगे।

निदेशक माइंस एवं पेट्रोलियम संदेश नायक ने बताया कि अलवर के पास लेड, जिंक, सिल्वर के डिपोजिट के डिपोजिट के संकेत मिलने से विभाग उत्साहित है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में खनिज के विपुल भण्डारों को देखते हुए अधिक से अधिक एक्सप्लोरेशन पर जोर देते रहे हैं और उसी का परिणाम है कि प्रदेश में नित नए क्षेत्रों में खनिज खोज परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा खान मंत्री प्रमोद जैन भाया के निर्देशन में खनिज ब्लॉकों की ई नीलामी पर जोर दिया है ताकि अवैध खनन पर रोक के साथ ही वैध खनन को बढ़ावा दिया जा सके।

डीएमजी नायक ने बताया कि यह पहला मौका है जब नार्थ डेहली फोल्ड बेल्ट में लेड, जिंक, सिल्वर के डिपोजिट के स्पष्ट संकेत मिले हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक साउथ डेहली फोल्ड बेल्ट में उदयपुर, भीलवाड़ा, राजसमंद, ओर अजमेर में लेड, जिंक, सिल्वर के डिपोजिट्स मिले हैं और इन क्षेत्रों में हिन्दुस्तान जिंक द्वारा माइनिंग की जा रही है।

नायक ने बताया कि अलवर के रैणी के बिलेटा के पास के लगभग 20 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में डिपोजिट मिलने की संभावना है। संबंधित क्षेत्र से विभाग के अधिकारियों द्वारा एकत्रित किए गए सेंपल्स के अनुसार लेड, जिंक, सिल्वर, सल्फाइड मिनरल्स, कॉपर, पायराइट मिनरल्स के डिपोजिट की संभावना व्यक्त की गई है। उन्होंने बताया कि प्राप्त सेंपल्स का अध्ययन करने पर यह भी पाया गया कि इसके सेंपल्स सामान्य पत्थर से सात गुणा तक अधिक वजनी, चमकदार और लेयर्स में दिखाई दे रहे हैं।

विभाग के अतिरिक्त निदेशक जियोलोजी आलोक जैन और वरिष्ठ भूवैज्ञानिक महेश शर्मा व एमई जयपुर श्रीकृष्ण शर्मा ने क्षेत्र के सेंपल्स दिखाए। जैन ने निदेशक माइंस से क्षेत्र में फर्दर एक्सप्लोरेशन का सुझाव दिया जिस पर निदेशक माइंस संदेश नायक ने आरएसएमईटी के माध्यम से एक्सप्लोरेशन के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि इससे तय समय सीमा में एक्सप्लोरेशन हो सकेगा ताकि इसके बाद माइनिंग ब्लॉक तैयार कर आगे की कार्यवाही की जा सके। नायक ने अधिकारियों से विस्तार में जानकारी प्राप्त की।

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