नेट थिएट पर गुलजार की कहानी डलिया

नेट थिएट पर गुलजार की कहानी डलिया

जयपुर। नेट थिएट कार्यक्रमों की श्रृंखला मैं आज प्रसिद्ध शायर और साहित्यकार गुलजार की कहानी पर आधारित नाटक डलिया का सशक्त मंचन किया गया। नेट थिएट के राजेंद्र शर्मा राजू ने बताया कि रंगकर्मी रेनू सनाढ्य ने अपने अभिनय के माध्यम से समाज में व्याप्त बुराइयों और सामंतवादी लोगों का निम्न स्तर पर अत्याचार एवं शोषण को बहुत ही सहज तरीके से प्रस्तुत कर इस नाटक में जान डाल दी।

डलिया कहानी मशहूर शायर गुलज़ार की कहानी है। डलिया नाटक की नायिका का नाम है। इस कहानी के माध्यम से गुलज़ार ने महिलाओं के सामाजिक दशा को उकेरने का प्रयास किया है जिसमें सामंतवादी लोगों का निम्न समाज के लोगों पर अत्याचार एवं शोषण को दिखाया गया है। डलिया एक गरीब महिला है जिसका पति मजदूरी कर के मुश्किल से घर चला पता है। उसी गाँव का एक जमींदार डलिया पर गलत नज़र रखता है और अपनी पत्नी की सेवा के बहाने से उसे अपनी हवेली बुलाता है। जहाँ नीति ताई अपनी आपबीती बताते हुए कहती है की एक बार यहाँ आई तो फिर कहीं और जाने के लायक नहीं बची। डलिया हवेली के ठीक पेट के बीच बौरई सी देखती रह जाती है। कार्यक्रम में स्वदेश ग्रामीण विकास लिमिटेड के निदेशक भूपेंद्र सिंह शेखावत ने कलाकारों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।

कार्यक्रम का संचालन रंगकर्मी मनोज स्वामी ने किया। कार्यक्रम संयोजक नवल डांगी, प्रकाश और कैमरा मनोज स्वामी, संगीत सागर गढ़वाल, मंच व्यवस्था जीवितेश शर्मा और अंकित शर्मा नोनू की रही।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *