जयपुर। राजस्थान के आगामी बजट में सरकार का फोकस रोजगार बढ़ाने और अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने का रहेगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को स्टेट लेवल टैक्स एडवाइजरी कमेटी की बैठक में यह आश्वासन दिया और कहा कि कोरोना काल में जरूरतमंद तबके को राहत देने के लिए सरकार सभी जरूरी प्रोविजन करेगी। सरकार ने तय किया है कि बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के साथ जरूरतमंदों को भरपूर सामाजिक सुरक्षा मिले और विकास में कहीं कमी ना आए। गहलोत ने कहा बजट में हमारी कोशिश रहेगी कि कोरोना के कारण समस्याओं का सामना कर रहे उद्योग-व्यवसाय गति पकड़ें और हर वर्ग को तरक्की के लिए नए मौके मिलें। बैठक में समिति के सदस्यों और उद्योग-व्यापार जगत के प्रतिनिधियों ने बजट को लेकर सुझाव दिए।
राजस्थान खाद्य व्यापार संघ के चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता ने प्रदेश में तिलहन और तेल पर स्टॉक सीमा खत्म करने की मांग रखी। कृषि मार्केटिंग एक्ट और नियमों के तहत आढ़तियों की आढ़त पौने 2 फीसदी से बढ़ाकर 2.50 फीसदी की जानी चाहिए। एमएसपी पर खरीद मण्डियों के जरिए ही की जाए। फेडरेशन ऑफ राजस्थान एक्सपोर्टर्स के अध्यक्ष राजीव अरोड़ा ने कहा कि बेरोजगारी तभी मिट सकती है जब इंडस्ट्री और टूरिज्म को बूस्ट-अप किया जाए।
राजस्थान में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए टूरिज्म यूनिट में लैंड चेंज की अनिवार्यता खत्म करने और नरेगा से इन्हें जोड़ने के लिए सड़कें बनवाने का सुझाव भी दिया। जीएसटी से जुड़ी समस्याओं, बकाया भुगतान जल्द रिफंड करने जैसी मांगें भी रखी गईं। बैठक में सीआईआई, फिक्की, एसोचैम, पीएचडी चैम्बर ऑफ कॉमर्स, चैम्बर ऑफ कॉमर्स, फोर्टी, पर्यटन, खाद्य पदार्थ व्यापार, एग्रीकल्चर, ऑयल, हैण्डीक्राफ्ट, कपड़ा, मार्बल, स्टील समेत कई एसोसिएशंस के प्रतिनिधियों ने सुझाव दिए।