जयपुर: नेट थिएट के कार्यक्रमों की 84 वीं श्रृंखला में मशहूर कहानीकार कृष्ण चंदर की कालजई कृति “जामुन का पेड़ ” का सशक्त मंचन किया गया। जिसमें सरकारी तंत्र और व्यवस्थाओं पर करारा व्यंग किया गया।
नेट थियेट के राजेंद्र शर्मा राजू ने बताया कि कहानी का नाट्य रूपांतरण नीरज गोस्वामी ने किया और इसका निर्देशन गुरमिंदर सिंह पूरी रोमी द्वारा किया गया। नाटक में बरसों से ढो रहे प्रशासनिक व्यवस्थाओं की त्रासदी में एक आम आदमी किस तरह से पिस रहा है और नियमों और कानूनों के तले उसका दम घुट रहा है। हास्य पूर्ण स्थितियों के बीच मंचित नाटक “जामुन के पेड़ “में यही सब देखने को मिला।
नाटक में जामुन के पेड़ के तले दबे एक आदमी को निकालने के लिए कितनी प्रशासनिक बाधाएं पैदा हो रही है और यही हमारी सरकारी प्रशासनिक तंत्र की त्रासदी भी है। जिसे आज भी एक सामान्य नागरिक भोग रहा है। नाटक में सरकारी मशीनरी के क्रियाकलापों गहरी चोट की गई।
नाटक मैं जयपुर रंगमंच के वरिष्ठ रंगकर्मी नीरज गोस्वामी ,ईश्वर दत्त माथुर, गुरमिंदर सिंह पुरी रोमी, राजेंद्र शर्मा राजू , मोइनुद्दीन खान , दीपक कथूरिया तथा आर्यन कटियाल के अलावा वरिष्ठ शायर लोकेश कुमार सिंह साहिल ने अपने किरदारों को बहुत ही रोचक और प्रभावी ढंग से निभाया।
पार्श्व संगीत गुलजार हुसैन प्रकाश व्यवस्था मनोज स्वामी एवं अनिल मारवाड़ी ने संभाली और मंच व्यवस्था सौरभ कुमावत, जितेंद्र शर्मा, रमेश पुरोहित अंकित शर्मा नोनू की थी।