डोटासरा का विवाद पीछा ही नहीं छोड़ रहे: मंत्रिमण्डल बैठक में डोटासरा की हरीश चौधरी से हुई झड़प,कटारिया और रघु शर्मा ने भी उठाए सवाल

डोटासरा का विवाद पीछा ही नहीं छोड़ रहे: मंत्रिमण्डल बैठक में डोटासरा की हरीश चौधरी से हुई झड़प,कटारिया और रघु शर्मा ने भी उठाए सवाल

जयपुर: राजस्थान के शिक्षा मंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का वास्तु ऐसा बिगड़ा हुआ है कि विवाद उनका पीछा ही नहीं छोड़ते। वे अपने इन विवादों के कारण ही पिछले 6 माह से सुर्खियां बटोर रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में कल रात हुई कैबिनेट और मंत्रिपरिषद की बैठक में भी शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा और राजस्व मंत्री हरीश चौधरी के बीच रेवेन्यू महकमे के काम पैंडिंग होने को लेकर जमकर नोकझोंक हो गई। हरीश चौधरी चंडीगढ़ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े थे। चर्चा के दौरान डोटासरा ने प्रशासन गांवों के संग अभियान को लेकर राजस्व मंत्री हरीश चौधरी को निशाने पर लिया तो हरीश चौधरी ने भी जवाब दिया।

डोटासरा ने बैठक में कहा कि प्रशासन गांवों के संग अभियान के दौरान सबसे ज्यादा पैंडिंग काम राजस्व मामलों के हैं। राजस्व मंत्री चंडीगढ जाकर बैठ गए हैं, हम किससे जाकर कहें। तहसीलदारों की पोस्ट खाली है। प्रशासन गांवों के संग अभियान में नायब तहसीलदारों को तहसीलदार के अधिकार दिए जाते रहे हैं,लेकिन इस बार नहीं दिए गए। डोटासरा ने जोहड़ की जमीन का मामला भी उठाया। डोटासरा के हमलवावर होने पर राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने पलटवार करते हुए जवाब दिया कि आप काम बताइए, मैं चंडीगढ़ बैठे-बैठे ही सब कर दूंगा। फिर भी ज्यादा जरूरी हुआ तो मैं चार्टर लेकर जयपुर आ जाउंगा मैं चंडीगढ रहूं या जयपुर काम पर इसका फर्क नहीं पड़ता। इस पर डोटासरा ने यहां तक कह दिया कि आप चार्टर की धौंस मत दिखाया करो। इस नोकझोंक के बीच मुख्यमंत्री को दखल देना पड़ा, तब जाकर मामला शांत हुआ।

कटारिया और रघु शर्मा ने भी उठाए सवाल

इस बीच कृषि मंत्री लालचंद कटारिया और रघु शर्मा ने भी एक एक करके रेवेन्यू डिपार्टमेंट से संबधित पैंडिंग कामों का मामला उठाया। कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि ग्रामदानी गांवों में पट्टे नहीं दिए जा सकते, उनमें नियम आड़े आ रहे हैं। रेवेन्यू नियमों में बदलाव किए बिना ग्रामदानी गावों के लोग परेशान हैं, यह काम अब नही हुआ तो कभी भी नहीं होगा, इस अड़चन को अब तक दूर नहीं की गई, जबकि अभियान शुरू हो चुका है। रघु शर्मा ने बीसलुपर विस्थापितों के विस्थापितों का मामला उठाया। हरीश चौधरी ने एक व्यक्ति एक पद की पैरवी करके दुश्मनी को बढ़ा लिया हैं,क्योंकि डोटासरा-रघु शर्मा दोनों भी एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत से प्रभावित हो रहे हैं। दोनों पर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ रहा है। कल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तो डोटासरा को इंगित करते हुए इस बात को सार्वजनिक भी कर दिया था कि डोटासरा जी एक पद पर रहना चाहते है और वे आलाकमान को भी कह आये है,जबकि हकीकत यह है कि जब उन्हें पीसीसी अध्यक्ष बनाया गया था तो उनकी शर्त ही एक थी कि वे मंत्री पद पर भी रहेंगे। आपको बता दे कि जून में कैबिनेट की बैठक में डोटासरा और नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल के बीच तीखी झड़प हुई थी उसके चर्चे आज भी राजनीतिक गलियारों में सुनाई देते हैं।

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