कार्टून विधा को प्रोत्साहन की आवश्यकता

कार्टून विधा को प्रोत्साहन की आवश्यकता

जयपुर: ग्रासरूट मीडिया फाउंडेशन की ओर से शुक्रवार शाम को वर्ल्ड कार्टूनिस्ट डे मनाया गया। जवाहर लाल नेहरु मार्ग स्थित कलानेरी कला दीर्घा में हिंदी जगत में कार्टून जगत की चुनौतियां विषय पर हुए इस आयोजन में प्रदेश के प्रमुख कार्टूनिस्ट ने चर्चा की। इनमें अभिषेक तिवारी, कमल किशोर, के जी कदम और सुशील गोस्वामी शामिल रहे। सभी ने चिंता व्यक्त की कि हिंदी पट्टी में नए कार्टूनिस्ट नहीं आ रहे हैं कार्टून विधा केवल राजनीति की नहीं बल्कि आम जनता का दुख दर्द कम करने की भी विधा है। कार्टून के माध्यम से उन्हें गुदगुदाने और नई रोशनी दिखाने का भी काम होता है।

वर्तमान में कार्टून विधा अनाथ से भी बुरी स्थिति में आ गई है। जब तक लोग अपनी नजर नहीं बदलेंगे तब तक कार्टून विधा के अच्छे दिन नहीं आएंगे। नई पीढ़ी पर मोबाइल का विपरीत असर भी इसके लिए नुकसानदायक साबित हो रहा है।

कार्टून विधा में काफी अध्ययन करने और गंभीरता के साथ कार्य करने की आवश्यकता रहती है और हमेशा अच्छा कार्य करने वालों की जरूरत है। किसी बात को अलग तरीके से कहने की क्षमता ही कार्टूनिस्ट को एक अलग स्थान दिलाती है। इस कार्यक्रम का प्रारंभ अंकित तिवारी ने किया और धन्यवाद राजेश मेठी ने ज्ञापित किया। कार्यक्रम संयोजक प्रमोद शर्मा ने बताया कि इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र बोड़ा, वरिष्ठ शायर लोकेश साहिल, डॉक्टर एनके कौशिक डीन जेईसीआरसी, विजय शर्मा, दीपा सैनी, तनया गडकरी, मोनिका सुरोलिया, विवेकानंद शर्मा, ताराचंद शर्मा आदि उपस्थित रहे।

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