जयपुर। नेट थियेट के कार्यक्रमों की श्रंखला में आज देश के ख्यातनाम कव्वाल सिकंदर वारसी ने ख्वाजा की शान में मैं तो नाम जपु अली अली से हुआ बस्ता अली अली मेरे मौला यही एक नाम मैं तो नाम जपूं अली अली गाकर कार्यक्रम की शुरुआत की। उसके बाद उन्होंने बेखुद के देता है अंदाज आना आज दिल में तुझे रख लूं यह जलवे जाने ना गाकर माहौल को सूफियाना बनाया।
नेट थियेट के राजेंद्र शर्मा राजू ने बताया कि सिकंदर वारसी और उनके साथी कलाकारों ने अमीर खुसरो की सुप्रसिद्ध कव्वाली छाप तिलक सब छीनी रे तोसे नैना मिला के बड़ी तन्मयता से सुना कर और दर्शकों से दाद बटोरी। इसके बाद उन्होंने तेरा दर मिल गया सहारा हो तो ऐसा हो तेरे दुख पर पलते हैं गुजारा हो तो ऐसा हो और जिंदा है इसलिए हमें तुमसे प्यार है गाकर माहौल रूमानियत से भर दिया।
सिकंदर वारसी के साथ दिलशाद वारसी, अली अहमद वारसी और रहमान वारसी ने गायन, बाबा हुसैन ने हारमोनियम, ढोलक पर सादिल और दानिश तथा ढोलक पर कय्याम ने शानदार संगत से स्प्रिट ऑफ सूफी कार्यक्रम को परवान चढ़ाया ल कार्यक्रम का संचालन आर डी अग्रवाल ने किया। कार्यक्रम संयोजक गुलजार हुसैन और नवल डांगी, कैमरा मनोज स्वामी, संगीत तपेश शर्मा, प्रकाश देवांग सोनी, मंच सज्जा सागर गढ़वाल, मंच सहायक अंकित शर्मा नोनू, जीवितेश शर्मा की रही।