प्रदेशवासियों को बड़ी राहत, दो दिन से बिजली कटौती नहीं, देर रात को कोयले की 18 रैक डिस्पेच -एसीएस ऊर्जा डॉ. अग्रवाल

Real time data of power generation, availability and demand will be analyzed regularly, generation, demand and availability will be closely monitored - ACS Energy Dr. Agarwal | विद्युत उत्पादन, उपलब्धता और मांग के रियल टाइम डेटा का होगा नियमित विश्लेषण, उत्पादन, मांग और उपलब्धता पर रहेगी सूक्ष्म नजर-एसीएस एनर्जी डॉ. अग्रवाल

जयपुर। प्रदेशवासियों के लिए राहत भरी खबर है कि सोमवार को प्रदेश में बिजली की कमी के कारण कहीं भी विद्युत कटौती नहीं की गई। अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि विद्युत मांग व वितरण में प्रबंधकीय दक्षता के प्रयासों से मंगलवार को भी प्रदेश में शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में कहीं भी बिजली की कमी के कारण विद्युत कटौती नहीं होने की संभावना है। बेहतर समन्वय व उच्च स्तरीय प्रयासों से सोमवार देर रात एक बार फिर कोयले की तीन अधिक रैक डिस्पेच कराने में सफल रहे हैं जबकि इससे पहले दो दिन से कोयले की 15-15 रैक ही डिस्पेच हो पा रही थी।

एसीएस ऊर्जा डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि सोमवार देर रात को कोल इंडिया की अनुषंगी इकाई एनसीएल से 3 रैक डिस्पेच हुई है वहीं एसईसीएल से कोयले की 3 रैक रेल मार्ग से व एक रैक रेल कम रोड मार्ग से डिस्पेच हुई है। इसी तरह से राज्य सरकार के कोल ब्लॉक से कोयले की 11 रैक डिस्पेच हुई है। इस तरह से सोमवार देर रात तक 18 रैक डिस्पेच हुई है जबकि इससे पहले दो दिन तक कोयले की 15-15 रैक ही डिस्पेच हो रही थी।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बिजली संकट के इस देशव्यापी दौर में आमनागरिकों सहित सभी को बिजली बचाने का संदेश दिया है व मुख्यमंत्री गहलोत स्वयं नियमित रुप से उच्च स्तरीय समीक्षा कर रहे हैं। उसी का परिणाम है कि सोमवार व मंगलवार को विद्युत कटौती शून्य स्तर पर रही। ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला राज्य में बिजली की मांग, उपलब्धता आदि की मोनेटरिंग कर रहे हैं।

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि मंगलवार को प्रदेश में विद्युत की औसत उपलब्धता करीब 9926 मेगावाट रही वहीं औसत अनुमानित मांग 9773 मेगावाट व अधिकतम मांग करीब 10500 मेगावाट रही। उन्होंने बताया कि एक और मौसम में बदलाव के कारण बिजली की मांग में कमी आ रही है तो दूसरी और उत्पादन बढ़ाने व मांग व आपूर्ति के अंतर को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि विद्युत उत्पादन निगम, विद्युत प्रसारण निगम और उर्जा विकास निगम के अधिकारियों के बीच बेहतर समन्वय का परिणाम है कि विद्युत आपूर्ति में सुधार आ रहा है।

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