जयपुर। राज्य में माइंस के साथ ही खनिज तेल और प्राकृतिक गैस क्षेत्र में भी राजस्व अर्जन का नित नया रेकार्ड बनाया जा रहा है। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि 31 मार्च, 23 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में खनिज तेल और प्राकृतिक गैस क्षेत्र से 4889 करोड़ 17 लाख रु. का राजस्व अर्जित किया गया है। यह इससे पहले के वित्तीय वर्ष की तुलना में 893 करोड़ 77 लाख़ रु. अधिक है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार को माइंस एवं पेट्रोलियम क्षेत्र से समग्र रुप से 12100 करोड़ 86 लाख रुपए से अधिक का राजस्व अर्जित किया गया है जो अपने आप में एक रेकार्ड है।
खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने इस पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बताया कि माइंस एवं पेट्रोलियम विभाग द्वारा राज्य में राजस्व अर्जन के नित नए आयाम स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि टीम भावना से कार्य करते हुए विभाग द्वारा सभी क्षेत्रों में अच्छे परिणाम प्राप्त किये जा रहे हैं।
एसीएस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 2022-23 में 4322 करोड़ 14 लाख रुपए का राजस्व खनिज तेल क्षेत्र से प्राप्त हुआ है वहीं 555 करोड़ 14 लाख रु. का राजस्व प्राकृतिक गैस क्षेत्र से प्राप्त हुआ है। इसके साथ ही 11 करोड़ से अधिक का राजस्व पीईएल फीस और डेडरेंट आदि के रुप में प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल मिलाकर इस क्षेत्र से 3995 करोड़ 40 लाख रुपए का राजस्व अर्जित किया गया था। इससे पहले के वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1904 करोड़ 79 लाख रुपए का ही राजस्व प्राप्त हुआ था। उन्होंने बताया कि प्रदेश में ओसतन एक लाख बैरल प्रतिदिन से अधिक खनिज तेल का उत्पादन किया जा रहा हैं।
एसीएस माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य में 14 जिलों के डेढ़ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में चार पेट्रोलियम बेसिन फैले हए हैं। बाड़मेर-सांचोर बेसिन, जैसलमेर बेसिन, बीकानेर-नागौर बेसिन में बीकानेर, नागौर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और चुरु व विंध्यान बेसिन में कोटा, बारां, बूंदी, झालावाड़, भीलवाड़ा और चित्तोडगढ़ जिले का कुछ हिस्सा शामिल है।
निदेशक माइंस संदेश नायक ने बताया कि हाइड्रोकार्बन एक्सप्लोरेशन एण्ड लाइसेंसिंग पालिसी के तहत प्रदेश में बाड़मेर-सांचोर, जैसलमेर और बीकानेर-नागौर बेसिन में क्रूड ऑयल एवं प्राकृतिक गैस की खोज और विकास के लिए ओएनजीसी, ऑयल इंडिया लिमिटेड, केयर्न-वेदांता लिमिटेड को 15 पेट्रोलियम एक्सप्लोरेशन लाइसेंस और 1 डिस्कवर्ड स्मॉल फील्ड्स पीएमएल ब्लॉक आवंटित किया हुआ है। नायक ने बताया कि माइंस विभाग द्वारा 7211.69 करोड़ का राजस्व संग्रहित किया गया है वहीं पेट्रोलियम द्वारा 4889.17 करोड़ रुपए का राजस्व संग्रहित किया गया है। अतिरिक्त निदेशक पेट्रोलियम अजय शर्मा ने बताया कि नियमित समीक्षा का परिणाम है कि विभाग द्वारा राजस्व संग्रहण में उत्तोरात्तर बढ़ोतरी हो रही है।