जयपुर। सूचना एवं जनसम्पर्क कर्मियों के संगठन प्रसार ने राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से उन्हें भी फ्रंट लाइन वर्कर के रूप में मानने का आग्रह किया हैँ।
प्रसार के अध्यक्ष मोतीलाल बर्मा ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को एक पत्र भी लिखा है जिसमें कहा गया है कि प्रदेश में पिछले 1 साल से अधिक समय से राज्य सरकार द्वारा कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ी जा रही जंग में सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग सरकार के अन्य संबंधित विभागों यथा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, पुलिस तथा जिला प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग कर रहा है।
इस महामारी से जूझने में सर्वाधिक महत्वपूर्ण काम आमजन तक सूचनाओं, दिशा-निर्देशों तथा हैल्थ प्रोटोकॉल की जानकारी पहुंचाना रहा। इस काम को सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के अधिकारियों एवं कार्मिकों ने कड़ी मेहनत के साथ दिन-रात एक कर अंजाम दिया।
फील्ड में कार्यरत रहने तथा बड़ी संख्या में पत्रकारों सहित अन्य लोगों के साथ संपर्क में आने के चलते विभाग के कई अधिकारी एवं कार्मिक कोरोना वायरस से पीडि़त हुए। कई अधिकारियों एवं कार्मिकों के तो परिजनों तक को उनके कारण संक्रमण की पीड़ा झेलनी पड़ी। इस दौरान कुछ साथी अकाल मौत के शिकार भी हो गए। दूसरी लहर के दौरान भी जनसम्पर्क विभाग लगातार प्रचार-प्रसार और जन जागरूकता की अपनी भूमिका बड़ी शिद्दत के साथ निभा रहा है।
उन्होंंने कहा कि इस दौर में 40 से अधिक अधिकारी एवं अन्य कार्मिक कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के कार्मिकों को विभिन्न अतिआवश्यक राजकीय सेवाओं के कार्मिकों की तरह फ्रंट लाइन वर्कर के रूप में सूचीबद्ध करवाया जाए।