जयपुर : कांग्रेस मेंबरशिप अभियान की धीमी रफ्तार को तेज करने के लिए मुख्यमंत्री निवास पर बुलाई गई बैठक में पार्टी के अंदरूनी हालात पर नेताओं ने जमकर सवाल उठाए। मीटिंग में सीएम अशोक गहलोत ने बैठक में एक बार फिर नाम लिए बिना सचिन पायलट पर निशाना साधा। गहलोत ने कहा कि ‘जो लोग मुझ पर यह आरोप लगाते हैं कि पार्टी के लिए खून-पसीना बहाकर सरकार बनाने वाले कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं होती, उनके यहां भी कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं होती। आरोप लगाने वाले खुद भी कार्यकर्ताओं की नहीं सुनते।’
उल्लेखनीय है कि सचिन पायलट कई बार पार्टी के लिए खून-पसीना बहाकर सरकार में लाने वाले कार्यकर्ताओं की सुनवाई करने के बयान दे चुके हैं। गहलोत ने उसी बात पर तंज कसा है। उधर, पार्टी बैठक में संगठन चुनाव के लिए सहायक चुनाव अधिकारी कांग्रेस नेता अजय कुमार टुन्ना ने सीएम और बड़े नेताओं की मौजूदगी में पार्टी कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं होने की बात कही। अजय टुन्ना द्वारा इस तरह कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं होने की बात उठाने पर बैठक में जमकर तालियां बजी। इसके बाद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने मोर्चा संभाला और अजय कुमार के हाथ से माइक लेकर खुद भाषण शुरू कर दिया।
काम करते रहे, पता नहीं कब किसकी लॉटरी लग जाए
बैठक में सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि राजनीतिक नियुक्तियों में देरी पर भी कई बातें हुईं। अब राजनीतिक नियुक्तियां भी हो गईं। कई नेताओं को मौका दिया है। कांग्रेस में काम करते रहना चाहिए, पता नहीं कब किसकी लॉटरी लग जाए। इस पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने मजाकिया लहजे में कहा कि जैसे मेरी लग गई। डोटासरा के इस कमेंट पर सियासी हलकों में खूब चर्चाएं हो रही हैं।
गहलोत ने आगे कहा कि मैं 1977 में चुनाव लड़ा, पार्टी ने सोचा कोई और नहीं है, यह काम कर रहा है तो इसे ही टिकट दे दिया जाए। मुझे भी इसी तरह मौका मिला था। पार्टी जो टास्क दे उसे पूरा करना चाहिए, इसी तरह सब मिलकर मेंबरशिप अभियान में जोर शोर से जुटें।