आप घर बना रहे हैं तो एक पखवाड़े करें और इंतजार, सस्ती होने वाली है बजरी

बजरी

जयपुर : प्रदेश में पिछले 4 साल से बंद नदियों से लीगल बजरी खनन ज्यादातर जगह अगले 1 महीने में फिर से शुरू हो जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गहलोत सरकार ने लीगल माइनिंग की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा आम लोगों को यह होगा कि नदियों से अच्छी क्वालिटी की बजरी पहले से वाजिब रेट पर कंस्ट्रक्शन के लिए मिल सकेगी। इस काम से जुड़े हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। कंस्ट्रक्शन कॉस्ट कम होने से मकान और फ्लैट सस्ते होंगे। सरकार का सालाना रेवेन्यू कलेक्शन 500 करोड़ रुपए तक बढ़ेगा।

लीगल खनन से उम्मीद है बजरी ट्रक के दाम घटकर 30 से 40 हजार रुपए तक हो सकते हैं। रोक से पहले बजरी ट्रक 13 से 18 हजार रुपए का मिलता था। बाद में अवैध बजरी ट्रक 80 से 90 हजार रुपए तक बिकने लगा। टोंक, सवाईमाधोपुर,भीलवाड़ा, राजसमंद, सिरोही, जालोर, जयपुर समेत कई जिलों में बजरी का अवैध ट्रांसपोर्टेशन रुकेगा। उदाहरण के तौर पर 100 वर्गगज या 4-5 कमरे, किचन लैट-बाथ कंस्ट्रक्शन में करीब एक से डेढ़ लाख रुपए तक फायदा होगा।

खनन पट्‌टों का वैलिडिटी पीरियड बढ़ाया

गहलोत सरकार बजरी के पुराने खनन पट्‌टों से फिर माइनिंग करवाने जा रही है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि पुराने माइंस लीज होल्डर्स से कानूनी विवाद पैदा न हो। बजरी खनन बन्द होने से हुए नुकसान की भरपाई की जा सके। साथ ही पिछले करीब 4 साल से बन्द लीगल बजरी खनन को स्पीड के साथ फिर से चालू करवाया जा सके। माइंस डिपार्टमेंट ने खनन पट्टों के मंशा पत्रों (Letter of intent) का वैलिडिटी पीरियड 13 महीने से बढ़ाकर 68 महीने कर दिया है। सरकार ने राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियम 2017 के नियम 5(4) में संशोधन किया है। अब देवली, राजसमंद, नाथद्वारा समेत कई जिलों में पुराने बजरी के मंशा पत्र वैलिड हो जाएंगे। करीब पौने 5 साल पहले जारी मंशा पत्रों की वैलिडिटी नवम्बर 2022 तक बढ़ जाएगी। प्रदेश सरकार ने केन्द्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को 12 नवम्बर को लैटर लिखकर जल्द पर्यावरण क्लीयरेंस जारी करने की मांग की है।

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अपने बाकी रहे पीरियड तक माइनिंग कर सकेंगे लीज होल्डर्स

बजरी के 82 बड़े लीज होल्डर्स हैं,जो माइनिंग की तैयारी में जुटे हैं। माइनिंग डिपार्टमेंट के एसीएस डॉ सुबोध अग्रवाल ने जिला कलेक्टर्स,एसपी,कमिश्नर्स को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना करवाने को कहा है। नवम्बर महीने में ही ड्रोन से माइंस का डिस्ट्रिक्ट सर्वे करवाकर रिपोर्ट भी पेश करनी है। हालांकि पुराने बजरी लीज होल्डर्स अपने बाकी रहे पीरियड तक बजरी माइनिंग कर सकेंगे। पीरियड खत्म होने पर सरकार नए सिरे से ऑनलाइन नीलामी करेगी। जिससे सरकार को बड़ा रेवेन्यू भी मिलेगा।

एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना की जा रही है। बजरी का अवैध खनन होने से आम लोग प्रभावित हो रहे थे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से अब प्रदेश में बजरी की लीगल माइनिंग, स्टोरेज और ट्रांसपोर्टेशन हो सकेगा।जिससे प्रदेश के लोगों को बड़ी राहत मिलने का रास्ता खुल गया है। इसके लिए विभाग ने एडिशनल डायरेक्टर बीएस सोढ़ा को ऑफिसर इंचार्ज बनाते हुए कॉर्डिनेशन और इम्प्लीमेंटेशन कराने के निर्देश दिए हैं।

वैध माइनिंग से मिलेगी सस्ती और बढ़िया बजरी

ऑल राजस्थान बजरी ट्रक वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता नवीन शर्मा ने बताया कि वो प्रदेश में लीगल माइनिंग चाहते हैंं। ओवर लोडिंग-अवैध बजरी माफिया का तांड़व खत्म कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट गए। लेकिन कोर्ट के आदेश की पालना नहीं होने पर कन्टेम्प्ट पिटिशन लगाई। खुशी है राजस्थान सरकार अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करवा रही है। जिसका उन्होंने स्वागत किया। उन्होंने कहा निश्चित ही अब राजस्थान की जनता को अच्छी क्वालिटी की बजरी वाजिब दाम पर मिलेगी। बजरी माफिया भी खत्म होगा।

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