पाली : जंगल से भूखा-प्यासा लेपर्ड शुक्रवार सुबह रहवासी इलाके कोटड़ी गांव में घुस आया। एक मकान में घुसकर परिवार के लोगों पर हमला कर दिया। हाथ, पैर और कान तक चबा गया। चिल्लाने की आवाज सुनकर आस-पास के लोग लाठियां लेकर लेपर्ड के पीछे भागने लगे और पीटकर उसे चोटिल कर दिया। इसके बाद वह एक बाड़े में जाकर दुबक गया। क्षेत्रीय वन विभाग अधिकारी और पुलिस ने मौके पर जाकर भीड़ को भगाया। रेस्क्यू करने के लिए राजसमंद से टीम को बुलाया गया हैं। लेपर्ड के हमले में करीब 7 लोग घायल हो गए।
सुबह करीब चार बजे खाने की तलाश में लेपर्ड कोटड़ी गांव आ गया। गांव में आकर वह घीसाराम के कच्चे मकान में घुस गया। घर के अंदर परिवार सो रहा था। लेपर्ड ने हमला कर चार लोगों को जख्मी कर दिया। किसी के हाथ तो किसी के पैर पर काट लिया। एक का तो कान ही चबा गया। लोगों के चिल्लाने पर लेपर्ड निकट के एक बाड़े में जा छुपा। घबराए लोग घर से बाहर निकल आए। जानकारी मिलने पर बड़ी संख्या में ग्रामीण भी मौके पर पहुंच गए। सूचना पर क्षेत्रीय वन विभाग अधिकारी देसूरी करण सिंह राजपुरोहित, वन्यजीव अभ्यारण के क्षेत्रीय वन अधिकारी भैरूसिंह वह देसूरी थाना पुलिस भी पहुंचे। रेस्क्यू के लिए आवश्यक संसाधन नहीं होने के कारण राजसमंद से टीम मौके पर बुलाई गई।
ग्रामीणों की नासमझी पड़ी भारी
ग्रामीणों ने अपने स्तर पर लेपर्ड को पकड़ने की कोशिश करते रहे। इस दौरान लेपर्ड ने उन पर कई बार हमला किया। इससे अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों के लाठियां बरसाने पर लेपर्ड भी चोटिल हो गया। लेपर्ड के हमले से घीसाराम (70), पत्नी हंजादेवी (65), बेटी का 12 साल का लड़का मुकुल और पड़ोसी महेन्द्र कुमार, मोटाराम (70), हेमादेवी (70) और राजूराम घायल हो गए। दो की हालत गंभीर होने पर उन्हें प्राथमिक उपचार के लिए हॉस्पिटल ले जाया गया।