बंशीपहाड़पुर के 37 मंशापत्रधारकों को एनवायरमेंट क्लीयरेंस, 26 साल बाद 3 खानों में गुलाबी-लाल पत्थर का वैध खनन शुरू – एसीएस माइंस डॉ. अग्रवाल

जयपुर। बंशीपहाड़पुर के 37 मंशापत्रधारकोें को स्टेट एंवारयरमेंट इंपेक्ट एसेसमेंट कमेटी द्वारा एनवायरमेंट क्लीयरेंस जारी होने के साथ ही करीब 26 साल बाद बंशीपहाडपुर के सेण्ड स्टोन के वैध खनन की राह प्रशस्त हो गई है। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी व भूजल डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि इसी माह क्षेत्र में 3 खानों में गुलाबी और लाल पत्थर का वैध खनन कार्य आरंभ हो गया है। जुलाई के पहले पखवाड़े तक बंशीपहाड़पुर की शेष 34 मंशापत्रधारकों द्वारा भी खनन आरंभ कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य में खनिज क्षेत्र मेें यह बड़ी उपलब्धि है। इससे अब राज्य सरकार को राजस्व, नया निवेश और रोजगार के अवसर बढेंगे। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम व पीएचईडी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि बंशीपहाड़पुर में वैध खनन कार्य आरंभ कराना सरकार के लिए चुनौती भरा काम था। उच्चतम न्यायालय के आदेश से दिसंबर 1996 से बिना डायवर्जन के गैर वानिकी कार्य प्रतिबंधित किए जाने से उक्त क्षेत्र में वैध खनन बंद हो गया था।

देश दुनिया में बंशीपहाड़पुर के पत्थर की मांग को देखते हुए क्षेत्र मेें अवैध खनन होने और आए दिन कानून व्यवस्था बाधित हो रही थी। उन्होंने कहा कि प्रभावी तरीके से राज्य का पक्ष रखने का परिणाम रहा कि पहले केन्द्र सरकार से वन भूमि का डायवर्जन और उसके बाद प्लॉटों को तैयार कर आक्श न की प्रक्रिया सफलता पूर्वक पूरी की गई। एसीएस माइंस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राममंदिर के लिए पत्थर से जुड़ा अतिसंवेदनशील मामला होने के कारण मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस प्रकरण में गंभीर थे और उनके अथक प्रयासों से ही पहले अतिसंवेदनशील बंशी पहाड़पुर खनन क्षेत्र ब्लॉक ए व बी सुखासिला एवं कोट क्षेत्र को बंध बारेठा वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र से बाहर करवाया गया और उसके बाद केन्द्र सरकार के वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने वन भूमि के डायवर्जन की स्वीकृति जारी कराई गई।

भारत सरकार की स्वीकृति के साथ ही राज्य के माइंस विभाग ने बंशीपहाड़पुर में खनन ब्लॉक तैयार कर इनके ऑक्श न की तैयारी आरंभ की गई और इसके लिए एसएमई जयपुर प्रताप मीणा को इस कार्य के समयवद्ध क्रियान्वयन के लिए प्रभारी अधिकारी बनाते हुए जिम्मदारी दी गई। माइंस एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने इस कार्य को प्राथमिकता में रखते हुए बंशीपहाड़पुर क्षेत्र में खानों के प्लाट तैयार कर उनकी ई नीलामी व वैद्य खनन के लिए किए जा रहे प्रयासों की निरंतर मोनेटरिंग करते रहे हैं। बंशी पहाडपुर के पत्थर की राम मंदिर निर्माण में भी मांग को देखते हुए यह इस क्षेत्र में वैध माइंनिग शुरु करवाना राज्य सरकार के लिए संवेदनशील रहा है।

एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार ने बंशीपहाड़पुर में 41 प्लॉट तैयार कर भारत सरकार के ई पोर्टल के माध्यम से ईनीलामी के बाद पहले कलस्टर क्लीयरेंस प्राप्त की गई। पिछले दिनों 41 मंशाधारकों में से 12 मंशाधारकों को एसईआईएए द्वारा पर्यावरणीय क्लीयरेंस जारी कर दी गई। अब 4 को छोड़कर सभी मंशाधारकों को स्टेट एंवारयरमेंट इंपेक्ट एसेसमेंट कमेटी द्वारा एनवायरमेंट क्लीयरेंस जारी कर दी गई है। 4 मंशाधारकों ने अभी तक ईसी के लिए आवेदन नहीं किया है। उन्होंने बताया कि 5 खनन पट्टाधारकों को जलवायु सहमति प्राप्त हो गई है और इनमें से 3 खानों में खनन कार्य आरंभ हो गया है। शेष खानों में भी जुलाई के दूसरे सप्ताह तक खनन आरंभ हो जाएगा। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि क्षेत्र में विश्वविख्यात गुलाबी लाल पत्थर का करीब 26 साल बाद वैध खनन आरंभ हो गया है। इससे हजारों लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा वहीं नए निवेश की राह प्रशस्त होगी।

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