जयपुर : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा के दिल्ली पहुंचते ही पीछे-पीछे अपनी मांगें लेकर राजस्थान के संविदाकर्मी भी पहुंच गए। दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय के अंदर कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक चल रही थी तो वही बाहर राजस्थान से गए आयुर्वेद संविदा डॉक्टर प्रदर्शन कर रहे थे। संविदा आयुर्वेद डॉक्टर 11 बजे से एआईसीसी मुख्यालय के बाहर जुट गए थे। इसके बाद से लगातार एआईसीसी मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं।
अपनी मांगो पर ध्यान खींचने का है असली मकसद
कांग्रेस मुख्यालय पर आकर प्रदर्शन करने के पीछे असली मकसद सबका ध्यान खींचने पर है। सीडब्ल्यूसी बैठक में देश के कांग्रेस के दिग्गज नेता आए हुए हैं, उनके सामने अपनी मांगें रखकर संविदा आयुर्वेद डॉक्टर्स ने राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान खींचने का प्रयास किया है। संविदा पर काम कर रहे आयुर्वेद डॉक्टर्स ने कहा कि राजस्थान में 1050 संविदा डॉक्टर पिछले 10 सालों से काम कर रहे हैं। आयुर्वेद विभाग ने 597 आयुर्वेद डॉक्टर्स की भर्ती निकाली हुई है। जिनमें 228 पद बैकलॉग के होने के कारण सामान्य और ओबीसी के लगभग 700 संविदा आयुर्वेद डॉक्टर नियमित होने से वंचित रह जाएंगें। आयुर्वेद डॉक्टर्स ने कहा कि कोरोना काल में सभी संविदा डॉक्टर्स ने दिन रात मेहनत कर राजस्थान को कोरोना मुक्त करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
सरकार ने भी संविदा डॉक्टर्स के योगदान को माना है। जल्द इस भर्ती में पद नही जोड़े जाते हैं तो 250 डॉक्टर्स ओवरएज हो जाएंगे। आयुर्वेद डॉक्टर्स ने नेताओं को ज्ञापन दिया है। ज्ञापन में लिखा कि राज्य सरकार के जन घोषणापत्र की पालना में सभी संविदाकर्मियों को नियमित किया जाना है। वर्तमान में आयुर्वेद विभाग में लगभग 1300 पद खाली हैं, जिसमें से 597 पदों की भर्ती प्रक्रियाधीन है और विभिन्न केडर के बचे हुए करीब 745 डॉक्टर्स के पद अभी भी खाली हैं। इन खाली 745 पदों को छायापद मानते हुए वर्तमान प्रक्रियाधीन भर्ती में जोड़कर सभी संविदा आयुर्वेद डॉक्टर्स को नियमित किया जा सकता है।