जयपुर। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने सवाई मानसिंह अस्पताल पहुँचकर करौली की सांप्रदायिक हिंसा में घायल हुए पीड़ित अमित शर्मा व धौलपुर जिले में सेवारत एईएन हर्षादिपति वाल्मिकि से मुलाकात कर कुशलक्षेम जानी और चिकित्सकों से बात कर बेहतर इलाज करने का आग्रह किया। इस दौरान प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच सहित कई पदाधिकारी व जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। इसके बाद डॉ. पूनियां ने शहीद स्मारक पहुंचकर स्वास्थ्य सहायक(सीएचए) नर्स ग्रेड-2 सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मियों व ई-मित्र संचालकों से संवाद कर उनकी मांगों को सुना और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग करते हुए कहा कि इनकी मांगों पर गंभीरता से ध्यान देकर उचित निर्णय लिया जाए, जिससे इनके रोजगार की व्यवस्था बनी रहे।
डॉ. पूनियां ने मीडिया से बातचीत में करौली हिंसा मामले पर कहा कि, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ सहित भाजपा का पूरा प्रतिनिधिमंडल करौली तथ्यात्मक जानकारी जुटाने गया है। इस घटना के पीछे जो दृश्य दिखता है, पहले से पत्थरबाजी की तैयारी, ऐसा लगता है कि पूर्व तैयारी थी और राज्य सरकार के पास इंटेलीजेंस होती है कि इतने बड़े ऐसे सेन्सेटिव इश्यू पर जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं, पुलिस और प्रशासन को बैठकर सदभावना से रैली निकलवानी चाहिए थी।
उन्होंने कहा कि यह सारी चीजें पब्लिक डोमेन में हैं, यह जनता है सब देख रही है और कांग्रेस सरकार न्याय नहीं करेंगी तो प्रकृति न्याय करेगी, ईश्वर करेगा, जनता करेगी। लेकिन यह पराकाष्ठा है कि मुख्यमंत्री का कानून का भी नजरिया अलग-अलग है, उसमें भी आप अपनी पार्टी और बाकी लोगों को शामिल करते हो तो कम से कम इतना कलेजा दिखाइये कि यदि आपके अपने लोग हैं यदि वो दोषी हैं तो आप तो (मुख्यमंत्री) भाषण में भी कहते हैं, कोई भी अपराधी, बदमाश बचेगा नहीं, लेकिन मुख्यमंत्री अपराधों में लिप्त कांग्रेस के विधायको व नेताओं को बचाने में लग हुए हैं। हाल ही में धौलपुर में इंजीनियर के साथ मारपीट कर हाथ-पैर तोड़ दिए और कांग्रेस के एक विधायक के पुत्र गैंगरेप के मामले में आरोपी हैं, लेकिन इन मामलों में कोई भी कार्यवाही अभी तक नहीं हुई है।