सौर ऊर्जा क्षेत्र में राजस्थान की एक और बड़ी छलांग: जैसलमेर और बीकानेर में विकसित होंगे 1800 मेगावाट क्षमता के दो सोलर पार्क

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जयपुर। सौर ऊर्जा क्षेत्र में राजस्थान को एक और बड़ी सफलता मिली है। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम एवं ऊर्जा डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश के जैसलमेर एवं बीकानेर में 1800 मेगावाट क्षमता के दो नए सोलर पार्क विकसित किए जाएंगे। अभी 2245 मेगावाट क्षमता का विश्व का सबसे बड़ा सोलर पार्क भी राजस्थान के जोधपुर जिले के भडला में विकसित किए जाने का श्रेय भी राजस्थान को ही है। इसी तरह से अक्षय ऊर्जा निगम द्वारा 925 मेगावाट क्षमता का सोलर पार्क जैसलमेर जिले के नोख में विकसित किया जा रहा है।
एसीएस ऊर्जा डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की दूरगामी सोच और 2019 की निवेशोन्मुखी अक्षय ऊर्जा नीति का ही परिणाम है कि प्रदेश में सोलर एनर्जी क्षेत्र में नित नए आयाम स्थापित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री गहलोत की पहल पर अब पहले चरण में जैसलमेर में 800 मेगावाट और बीकानेर में एक हजार मेगावाट क्षमता के सोलर पार्क विकसित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इसके लिए केन्द्र सरकार के नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय से स्वीकृति प्राप्त हो गई है।

ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में राजस्थान देष में लगातार ऊंची छलांग लगा रहा है। उन्होंने बताया कि सौर ऊर्जा आधारित पार्कों में तापीय विद्युतगृहों की तुलना में अत्यधिक सस्ती दर पर विद्युत उत्पादन होता है।

ऊर्जा मंत्री भाटी ने बताया कि ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में राजस्थान देश में अग्रणी प्रदेश बन गया है। इंवेस्ट राजस्थान के दौरान भी प्रदेश में सौर ऊर्जा क्षेत्र में करीब 8 लाख करोड़ रु. के निवेश के एमओयू एलयूआई पर हस्ताक्षर हुए हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. अग्रवाल ने बताया कि केन्द्र सरकार के नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा पहले चरण में जैसलमेर में 800 मेगावाट क्षमता का सोलर पार्क राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के माध्यम से और बीकानेर में एक हजार मेगावाट क्षमता का सोलर पार्क राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम की सहायक कंपनी राजस्थान सोलर पार्क डवलपमेंट के माध्यम से विकसित करने की स्वीकृति जारी कर दी है। उन्होंने बताया कि इन दोनों पार्कों को केन्द्र सरकार की योजना के मोड 8 के तहत विकसित किया जाएगा।

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में इस समय 10560 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता विकसित की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि इस तरह से 10 गीगावाट सौर ऊर्जा विकसित करने वाला राजस्थान देश का पहला प्रदेश बन चुका है। उन्होंने बताया कि नए पार्कों की स्थापना के साथ ही राज्य में अक्षय ऊर्जा आधारित आधारभूत ढांचा विकसित होने के साथ ही निवेश और रोजगार के नए अवसर विकसित होंगे। इसके साथ ही प्रदेश में सस्ती और ग्रीन एनर्जी का उत्पादन बढ़ सकेगा।

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