भरतपुर : अवैध खनन के खिलाफ 551 दिन से चल रहे साधु-संतों के आंदोलन में बुधवार को भरतपुर के पसोपा गांव में बाबा विजय दास नाम के संत ने खुद को आग लगा ली। बाबा ने केरोसीन डालकर आग लगाने के बाद राधे-राधे कहते हुए दौड़ने लगे। पुलिसकर्मियों ने कंबल डालकर आग बुझाई। बाबा को भरतपुर के राज बहादुर मेमोरियल अस्पताल में भर्ती किया गया है, जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।इधर, इसी आंदोलन से जुड़े एक अन्य बाबा नारायण दास 33 घंटे टॉवर पर चढ़कर बैठे रहे। वे मंगलवार सुबह 6 बजे से मोबाइल टॉवर पर चढ़े थे और समझाने के बाद बुधवार दोपहर वापस उतर आए। वे बरसाना के रहने वाले हैं। आंदोलन को देखते हुए संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा ने भरतपुर के पांच कस्बों में इंटरनेट बंद कर दिया था।
गौरतलब है कि राजस्थान के भरतपुर जिले की डीग, कामां तहसील का इलाका 84 कोस परिक्रमा मार्ग में पड़ता है। साधु-संतों का कहना है कि यह धार्मिक आस्था से जुड़ी जगह है, यहां हिंदू धर्म के लोग परिक्रमा करते हैं, इसलिए यहां वैध और अवैध, दोनों तरह के खनन बंद होने चाहिए। इसी मांग को लेकर वे 551 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं।
पहले दी थी प्रशासन को चेतावनी
आंदोलन कर रहे साधु-संतों की अगुआई कर रहे बाबा हरिबोल ने रविवार 17 जुलाई को आत्मदाह करने की चेतावनी दी थी। इसके बाद पुलिस बल धरना स्थल पर पहुंच गया था। उन्होंने कहा- मेरी मृत्यु का समय अब निश्चित हो चुका है, जिसे कोई बदल नहीं सकता है। प्रशासन चाहे कितना ही पुलिस अमला लगा दे, 19 जुलाई को मेरा ब्रजभूमि की सेवा और रक्षा के लिए मरना तय है। मेरी मृत्यु की जिम्मेदार राजस्थान सरकार होगी। इसके बाद सोमवार को साधु-संतों की पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह के साथ मीटिंग हुई थी। मंत्री के आश्वासन के बाद बाबा ने कहा था कि मीटिंग तो रोज होती है, कोई फैसला हो तो बात बने।