जयपुर। दौसा के पुजारी शंभू शर्मा के शव का नौ दिन बाद अंतिम संस्कार होगा। रविवार को सचिवालय में हुई वार्ता के बाद गहलोत सरकार ने भाजपा नेताओं और विप्र फाउंडेशन के प्रतिनिधिमंडल की मांगें मान ली हैं। इसके बाद शव का अंतिम संस्कार करने और धरना खत्म करने पर सहमति बनी। टीकरी गांव में मंदिर की जिस दो बीघा जमीन को भू-माफिया ने पुजारी से हड़पा था, उसी जमीन पर अंतिम संस्कार होगा। पिछले चार दिनों से जयपुर में सिविल लाइंस फाटक पर शव रखकर चल रहा धरना अब समाप्त हो गया है। शव का पहले पोस्टमार्टम होगा, फिर आज ही टीकरी गांव ले जाकर अंतिम संस्कार किया जाएगा। सरकार के साथ वार्ता में बनी सहमति के बाद दोनों पक्षों ने समझौता पत्र पर दस्तखत किए।
इसके तहत शम्भु पुजारी के दोषी एडीएम, तहसीलदार, नगरपालिका के ईओ को हटाने, पूरे प्रकरण की संभागीय आयुक्त से जाँच, 30 अप्रेल तक जांच पूरी करने, लाठीचार्ज में मारे गए जगदीश सैनी की मौत की भी जांच, शम्भु पुजारी की जमीन सहित 172 दुकानों को जांच पूरी होने तक सील, प्रदेश भर की मंदिर माफी की जमीनों से कब्जा हटाने के लिए कानून बनाने के लिए सरकार को अनुशंसा करने आदि पर सहमति बनी।
प्रतिनिधिमंडल में ये रहे शामिल
प्रतिनिधिमंडल में डॉ. किरोड़ीलाल मीणा, सांसद रामचरण बोहरा, डॉ. अरुण चतुर्वेदी, विधायक अशोक लाहोटी, मुकेश दाधीच, राघव शर्मा, सुमन शर्मा, लक्ष्मीकान्त भारद्वाज, बृजकिशोर उपाध्याय और ब्राह्मण समाज के संगठन विप्र फाउंडेशन के अध्यक्ष एडवोकेट राजेश कर्नल, अभिषेक मिश्रा शामिल हुए। वहीं, सरकार की ओर से वार्ता में सरकारी मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी, मुख्य सचिव निरंजन आर्य, डीजीपी एमएल लाठर, गृह सचिव अभय कुमार, जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव, जयपुर आईजी हवा सिंह घुमरईया, सुरेश गुप्ता एसीएस होम, जयपुर और दौसा के कलेक्टर मौजूद रहे।
विप्र फाउंडेशन ने समझौते पर जताया आभार
– वार्ता में विफा प्रदेशाध्यक्ष रहे मौजूद
जयपुर। विप्र फाउंडेशन ने महुआ के पुजारी शम्भू शर्मा प्रकरण में सौहार्दपूर्ण समझौता होने पर संतोष व्यक्त किया है तथा वार्ता में विप्र फाउंडेशन जोन 1 के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कर्नल को शामिल करने पर आभार व्यक्त किया हैं। विप्र फाउंडेशन के संस्थापक संयोजक सुशील ओझा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर समझौता वार्ता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने पर सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी, मूक बधिर पुजारी शम्भू शर्मा को न्याय दिलाने के लिए सड़कों पर संघर्ष करने वाले डॉ. किरोड़ीलाल मीणा , सांसद रामचरण बोहरा,पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी, भाजपा के प्रदेश नेतृत्व सहित उन तमाम संगठनों का भी आभर जताया जिन्होंने न्याय के लिए धरना प्रदर्शनों में सक्रिय भूमिका निभाई।
गौरतलब है कि समझौता वार्ता में भाजपा, महुआ के स्थानीय प्रतिनिधियों के अलावा ब्राह्मण संगठनों से विप्र फाउंडेशन के एक मात्र प्रतिनिधि राजेश कर्नल मौजूद थे जिन्होंने समझौते पर हस्ताक्षर किए।