जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के तीसरे कार्यकाल में जयपुर पॉलिटिकल टूरिज्म का हब बनकर सामने आया है। नवंबर 2019 से लेकर अब तक पांच राज्यों की सियासी बाड़ाबंदी जयपुर में हो चुकी है। असम में विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद कांग्रेस के सहयोगी एआईयूडीएफ के विधायकों को राजस्थान भेज दिया गया है। नवबंर 2019 में महाराष्ट्र के विधायकों की जयुपर के दिल्ली रोड स्थति रिसोर्ट में बाड़ेबंदी की गई। कांग्रेस और भाजपा ने पांच अलग-अलग राज्याें में अपनी सरकारें बनाने और दूसरे दलाें की सत्ता का खेल बिगाड़ने के लिए राज्य में बाड़ाबंदी की गई। 2005 से अब तक यहां झारखंड, उत्तराखंड, गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात व मध्यप्रदेश के विधायकों की बाड़ाबंदी हो चुकी है।
सियासी संकट के समय हुई थी बाड़ाबंदी
वहीं पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट कैंप के बगावत करने के बाद भी कांग्रेस और समर्थित विधायकों की जयपुर में होटल फेयरमाउंट में बाड़ाबंदी की गई थी। तकरीबन 35 दिनों तक सरकार बाड़ाबंदी में ही रही थी। इस दौरान गहलोत सरकार ने सदन में बहुमत साबित करके सरकार बचाई थी।
अब असम के नेताओं की बाड़ाबंदी
अब असम कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशियों की बाड़ाबंदी भी जयपुर के होटल फेयरमाउंट में की गई है। असम में कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशियों की खरीद-फरोख्त ना हो इससे बचने के लिए कांग्रेस ने यहां बाड़ाबंदी का दांव खेला है।