संघ प्रमुख ने की नई जनसंख्या नीति की वकालत, कहा-जनसंख्या दर में अंतर के कारण बढ़ रही है मुस्लिम आबादी

संघ प्रमुख ने की नई जनसंख्या नीति की वकालत,कहा-जनसंख्या दर में अंतर के कारण बढ़ रही है मुस्लिम आबादी | RSS chief advocates new population policy, says Muslim population is increasing due to difference in population rate

नागपुर: RSS के स्थापना दिवस और विजयादशमी के मौके पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर मुख्यालय में संबोधन दिया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपना 96वां स्थापना दिवस मना रहा है। हिंदी तिथि के मुताबिक विजयादशमी के दिन ही 1925 में आरएसएस की स्थापना हुई थी। इस दौरान उन्होंने आतंकवाद, पाकिस्तान और चीन पर निशाना साधा, जम्मू-कश्मीर में फिर से टारगेट किलिंग शुरू होने पर चिंता जताई और जनसंख्या नीति पर नसीहत दी। साथ ही इस बात पर जोर दिया कि हिंदुओं को संगठित होने की जरूरत है।

जनसंख्या दर में अंतर के चलते बढ़ी मुस्लिम आबादी
संघ प्रमुख ने कहा कि वर्ष 1951 से 2011 के बीच जनसंख्या वृद्धि दर में भारी अंतर के कारण देश की जनसंख्या में जहां भारत में उत्पन्न मत पंथों के अनुयायियों का अनुपात 88% से घटकर 83.8% रह गया है। वहीं मुस्लिम जनसंख्या का अनुपात 9.8% से बढ़कर 14.24% हो गया है।

जनसंख्या के असंतुलन पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि जनसंख्या नीति होनी चाहिए। हमें लगता है कि इस बारे में एक बार फिर विचार करना चाहिए। अभी भारत युवाओं का देश है। 30 साल के बाद ये सब बूढ़े बनेंगे, तब इन्हें खिलाने के लिए भी हाथ लगेंगे। और उसके लिए काम करने वाले कितने लगेंगे, इन दोनों बातों पर विचार करना होगा। अगर हम इतना बढ़ेंगे तो पर्यावरण कितना झेल पाएगा। 50 साल आगे तक विचार करके रणनीति बनानी चाहिए। जैसे जनसंख्या एक समस्या बन सकती है, वैसे ही जनसंख्या का असंतुलन भी समस्या बनती है।

पाकिस्तान-चीन के खिलाफ अपनी तैयारी रखना जरूरी
मोहन भागवत ने कहा कि तालिबान फिर से खड़ा हो गया। उसे लेकर कभी कहा जाता है कि वह बदल गया है, कभी कहता है कि पहले जैसा है। उसका समर्थन करने वालों में रूस भी था, चीन और पाकिस्तान तो आज भी हैं। तालिबान बदला भी होगा, पाकिस्तान बदला है क्या, ऐसा तो बिल्कुल नहीं है। चीन का इरादा भारत के प्रति बदला है क्या, ऐसा तो बिल्कुल नहीं है। प्रेम, अहिंसा से सब ठीक होता है, इसे मानना चाहिए, लेकिन अपनी तैयारी भी पूर्ण रखें। सीमा सुरक्षा और चाक चौबंद करना है।

आंतकियों का करना होगा बंदोबस्त
जम्मू-कश्मीर में आंतकी हमलों को लेकर उन्होंने कहा कि मैं जम्मू-कश्मीर होकर आया। वहां 370 हटने के सामान्य जनता को अच्छे लाभ मिल रहे हैं। भारत से किसी भी भारतीय का रिश्ता लेन-देन का नहीं है। हम भारत माता के पुत्र हैं। हम भारत के अंदर हैं। लेकिन घाटी में हिन्दुओं की टारगेट किलिंग की जा रही है।

आतंकियों की गतिविधियों का बंदोबस्त भी करना पड़ेगा, चुन-चुन कर जैसे पहले करते थे। मनोबल गिराने के लिए वे लक्षित हिंसा कर रहे हैं। उनका उद्देश्य एक ही है कि अपना डर पैदा करना। शासन को भी बड़ी चुस्ती से इसका बंदोबस्त करना पड़ेगा।

हिन्दू मंदिरों का संचालन हिन्दू भक्तों के हाथ में रहे
संघ प्रमुख ने कहा कि हिंदू समाज के अपने भी कुछ प्रश्न है। मंदिरों की स्थिति बहुत अच्छी नही है, लेकिन देश के अलग-अलग भागों में अलग-अलग स्थित है। हिन्दू मन्दिरों का संचालन हिन्दू भक्तों के ही हाथों में रहे तथा हिन्दू मन्दिरों की सम्पत्ति का विनियोग भगवान की पूजा तथा हिन्दू समाज की सेवा तथा कल्याण के लिए ही हो, यह भी उचित व आवश्यक है।

बाहर से आए सभी सम्प्रदायों के मानने वाले भारतीयों सहित सभी को यह मानना, समझना होगा कि हमारी आध्यात्मिक मान्यता व पूजा की पद्धति की विशिष्टता के अतिरिक्त अन्य सभी प्रकार से हम एक सनातन राष्ट्र, एक समाज, एक संस्कृति में पले बढ़े समान पूर्वजों के वंशज हैं।

युवाओं को जानना होगा देश का इतिहास
देश के विभाजन को याद करते हुए उन्होंने कहा कि विभाजन की टीस अभी तक गई नहीं है। वह अत्यंत दुखद इतिहास है। लेकिन इस इतिहास का सामना करना चाहिए। खोई हुई एकता और अखंडता को दोबारा लाने के लिए इस इतिहास को जानना चाहिए। उस इतिहास को विशेषकर नई पीढ़ी को जानना चाहिए, ताकि उसकी पुनरावृत्ति न हो। खोया हुआ वापस आ सके। इसलिए दूर देशों से मुठ्‌ठी भर लोग आए और हम पर आक्रमण कर दिया। ऐसा एक बार नहीं बार-बार हुआ। ब्रिटिशों के अपने यहां राजा बनने तक यही इतिहास हुआ।

बनाना होगा भेदरहित समाज
उन्होंने कहा कि व्यवस्था तो व्यवस्था है, लेकिन व्यवस्था बदलने के साथ-साथ या उसके पहले मन बदलना चाहिए। समाज के भेद बढ़ाने वाली भाषा नहीं चाहिए, जोड़ने वाली भाषा चाहिए। हर प्रसंग पर भाष्य करते समय प्रेम को बढ़ाने वाली भाषा होनी चाहिए। मन से किसी के पास जाने के लिए तो बातचीत करनी पड़ेगी। इसलिए पर्व-त्योहारों में आपस का मेलजोल, मिल जुलकर पुण्य तिथियां, जयंतियां मनानी चाहिए। पर्व-त्योहारों पर एक-दूसरे के घर जाना, मिलना, इस प्रकार के काम हों। ये काम स्वंयसेवक कर रहे हैं, क्योंकि भेदरहित समाज स्वातंत्र के टिकने और राष्ट्र के एकात्मक का आधार है।

OTT प्लेटफॉर्म पर साधा निशाना
उन्होंने कहा कि OTT प्लेटफॉर्म पर कोई नियंत्रण नहीं है। नियंत्रण विहीन व्यवस्था से अराजकता का संकट होता है, इन सब पर मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है। साइबर सिक्योरिटी का मामला भी खड़ा हो गया है। उसके बारे में हमें बहुत आगे जाना पड़ेगा और हम जाएंगे।

 

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