बाबा केदार के दरबार में बोले मोदी- भारत को अब समय की सीमा में बंधना मंजूर नहीं

पीएम मोदी

देहरादून : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उत्तराखंड में केदारनाथ मंदिर के दर्शन को पहुंचे। वहां भोलेनाथ का रुद्राभिषेक करने के बाद पीएम मोदी ने जनता को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि अब देश अपने लिए बड़े लक्ष्य तय करता है। कठिन समय-सीमाएं निर्धारित करता है, तो कुछ लोग कहते हैं कि – इतने कम समय में ये सब कैसे होगा! होगा भी या नहीं होगा! तब मैं कहता हूं कि समय के दायरे में बंधकर भयभीत होना अब भारत को मंजूर नहीं है।

पीएम ने उत्तराखंड के युवाओं से यह भी कहा कि अब पहाड़ का पानी और जवानी दोनों उत्तराखंड के काम आएंगे। पीएम मोदी ने आदि शंकराचार्य के समाधि स्थल का लोकार्पण किया है। 2013 में केदारनाथ में आई प्राकृतिक आपदा में ये क्षतिग्रस्त हो गया था। यहां पीएम मोदी ने कुछ देर तक ध्यान भी किया।

पीएम ने उत्तराखंड में हुए विकास कार्यों के बारे में कहा कि चारधाम सड़क परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है, चारों धाम हाइवेज से जुड़ रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि भविष्य में यहां केदारनाथ तक श्रद्धालु केबल कार के जरिए आ सकें, इससे जुड़ी प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि पास ही मैं मौजूद हेमकुंड साहिब के दर्शन आसान करने के लिए भी रोप-वे बनाने की तैयारी है।

मोदी

युवाओं से की पलायन पर बात

पीएम मोदी बोले कि कहा जाता है कि पहाड़ का पानी, पहाड़ की जवानी कभी पहाड़ के काम नहीं आती। अब पानी भी पहाड़ के काम आएगा, जवानी भी पहाड़ के काम आएगी। उत्तराखंड से पलायन को रोकना है। अगला दशक उत्तराखंड का है। मोदी बोले यहां पर्यटन को काफी बढ़ने वाला है. यह दशक उत्तराखंड का है। अगले 10 वर्षों में, राज्य में पिछले 100 वर्षों की तुलना में अधिक पर्यटक आएंगे।

मोदी ने अपने संबोधन में दूसरे धार्मिक स्थानों का भी जिक्र किया। वह बोले कि अब हमारी सांस्कृतिक विरासतों को, आस्था के केन्द्रों को उसी गौरवभाव से देखा जा रहा है, जैसा देखा जाना चाहिए। वह बोले कि अयोध्या को उसका गौरव वापस मिल रहा है। यहां उन्होंने अयोध्या में हुए दीपोत्सव के आयोजन का भी जिक्र किया। पीएम ने बताया कि उत्तर प्रदेश में काशी का भी कायाकल्प हो रहा है। इसके साथ विश्वनाथ धाम का कार्य बहुत तेज गति से पूर्ण होने वाला है।

मोदी

अपनी आंखों से उस तबाही को देखा था

पीएम मोदी ने कहा, ‘बरसों पहले जो नुकसान यहां हुआ था, वो अकल्पनीय था। मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था और अपने आप को रोक नहीं पाया था। मैं यहां दौड़ा चला आया था। मैंने अपनी आंखों से उस तबाही को देखा था, उस दर्द को सहा था। जो लोग यहां आते थे, वो सोचते थे कि क्या ये हमारा केदार धाम फिर से उठ खड़ा होगा? लेकिन मेरे भीतर की आवाज कह रही थी की ये पहले से अधिक आन-बान-शान के साथ खड़ा होगा। यह विकास कार्य ईश्वर की कृपा से हुआ।

तीर्थस्थलों की यात्रा, सिर्फ सैर-सपाटा नहीं

पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं समझता हूं कि आज के दौर में आदि शंकराचार्य का सिद्धांत और ज्यादा पारंपरिक हो गया है। हमारे यहां तीर्थस्थलों की यात्रा, तीर्थाटन को जीवनकाल का हिस्सा माना गया है। यह हमारे लिए सिर्फ सैर-सपाटा नहीं है। यह भारत का दर्शन कराने वाली जीवंत परंपरा है। हमारे यहां व्यक्ति की इच्छा होती है कि जीवन में एक बार चारधाम यात्रा जरूर कर लें, गंगा में एक बार डुबकी लगा लें।’

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बाबा केदारनाथ को चढ़ाए बाघांबर वस्त्र

पीएम मोदी ने केदारनाथ धाम पहुंचकर बाघांबर वस्त्र चढ़ाए। यहां उन्होंने षोडशो पूजन किया। दूध, दही, मधु आदि चीजों से बाबा केदार की पूजा की गई।

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