मुंबई: आर्यन खान मामले की जांच कर रहे NCB के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े की सीबाआई से जांच कराने वाली याचिका को बॉम्बे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने वानखेड़े को फिलहाल तत्काल गिरफ्तार करने पर रोक लगा दी है। दरअसल, वानखेड़े ने अपनी याचिका में मांग की थी कि अगर उनके खिलाफ जांच होती है तो यह सीबीआई को सौंपी जाए। इसके अलावा वानखेड़े ने अंतरिम सुरक्षा की भी मांग की थी।
हालांकि इस मामले में महाराष्ट्र सरकार के वकील ने कहा कि अगर एनसीबी अधिकारी को गिरफ्तार किया जाएगा तो उससे 72 घंटे यानी तीन दिन पहले ही उन्हें इस बारे में सूचना दी जाएगी। लेकिन हाईकोर्ट ने मामले की जांच मुंबई पुलिस को ही जारी रखने की छूट भी दी है। इस सुनवाई के दौरान ही एक अन्य हाईकोर्ट बेंच में आर्यन खान की बेल पर भी सुनवाई चल रही थी।
सरकार ने कहा- हमने कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया
महाराष्ट्र सरकार की तरफ से पेश सरकारी वकील ने वानखेड़े की याचिका का विरोध किया। सरकारी वकील ने हाईकोर्ट बेंच से कहा कि वानखेड़े के खिलाफ चार अलग-अलग शिकायत मिली हैं। इनकी जांच अभी शुरू की गई है, जिसे ACP लेवल का अफसर लीड कर रहा है। अभी तक वानखेड़े के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है। ऐसे में उनकी तरफ से यह याचिका बेहद प्री-मैच्योर स्टेज पर दाखिल की गई है।
बता दें कि भ्रष्टाचार से जुड़े चार मामलों में मुंबई पुलिस ने वानखेड़े के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। इसके बाद से यह आशंका थी कि वानखेड़े को मुंबई पुलिस गिरफ्तार कर सकती है। मुंबई पुलिस ने वानखेड़े पर लगे आरोपों की जांच के लिए चार सदस्यीय एक टीम का भी गठन कर दिया है जो इन मामलों की जांच करेगी।
प्रभाकर सेल ने वानखेड़े और केपी गोसावी पर लगाए थे आरोप
बता दें कि समीर वानखेड़े पर ड्रग्स केस के गवाह प्रभाकर सेल ने भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप लगाए थे। प्रभाकर सेल ने खुलासा किया था कि आर्यन खान को छोड़ने के लिए केपी गोसावी नाम के शख्स ने फोन पर 25 करोड़ रुपए से बात शुरू कर 18 करोड़ में डील फिक्स करने की बात कर रहा था। केपी गोसावी ने 8 करोड़ रुपए एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े को देने की भी बात कही थी।
इससे पहले एनसीबी के दफ्तर भी पहुंचे थे वानखेड़े
एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े गुरुवार को एनसीबी के दफ्तर भी पहुंचे थे। इस दौरान मीडिया ने जब उनसे इस मामले पर सवाल किया तो उन्होंने किसी भी तरह का जवाब देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मुझे इस मामले पर कुछ भी कहने की जरूरत नहीं है। गौरतलब है कि समीर वानखेड़े से एनसीबी विजिलेंस की टीम ने बुधवार को साढ़े चार घंटे तक पूछताछ की थी। एनसीबी के डीडीजी ज्ञानेश्वर सिंह ने जानकारी दी कि इस दौरान वानखेड़े ने अधिकारियों को दस्तावेज भी सौंपे। जरूरत पड़ने पर उनसे आगे की पूछताछ भी की जाएगी। जब तक कि उनके खिलाफ लगे आरोपों का कोई पुख्ता सबूत नहीं मिलता वह क्रूज शिप ड्रग्स मामले में जांच अधिकारी बने रहेंगे।
हाईकोर्ट ने कहा, सरकारी वकील आश्वासन दें कि मुंबई पुलिस गिरफ्तारी से पहले 3 वर्किंग-डे का नोटिस वानखेड़े को सौंपेगी। इसी के साथ रिट पिटीशन निस्तारित की जा रही है। इस पर सरकारी वकील ने कहा, यदि हम प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत कोई मुकदमा वानखेड़े के खिलाफ दर्ज करेंगे तो हम उन्हें 72 घंटे पहले ही नोटिस देंगे।