बेंगलुरु: कर्नाटक हिजाब विवाद पर हाईकोर्ट का क्या फैसला आता है, इस पर 6वें दिन की सुनवाई के बाद भी सस्पेंस बरकरार रहा। मामले पर शुक्रवार को भी कोई फैसला नहीं आ सका। हालांकि अपनी दलील के दौरान एटॉर्नी जनरल (AG) प्रभुलिंग नवदगी ने कोर्ट में कहा कि हम यह मानते हैं कि हिजाब इस्लाम की एक अनिवार्य धार्मिक प्रथा नहीं है।
वरिष्ठ अधिवक्ता एएम दार ने अदालत को बताया कि अदालत की ओर से व्यक्त की गई आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने पांच छात्राओं की ओर से नई याचिकाएं दाखिल की हैं। अदालत इन पर 21 फरवरी को सुनवाई करेगी। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता प्रोफेसर रवि वर्मा कुमार ने हाईकोर्ट ने अनुरोध किया है कि सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग को बंद कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि लाइव स्ट्रीमिंग प्रतिकूल साबित हो रही है। लेकिन हाईकोर्ट ने यह मांग खारिज कर दी और कहा कि लोगों को सुनने दीजिए कि उत्तर देने वालों का इसमें क्या रुख है।
कर्नाटक सरकार की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता ने दलील दी कि राज्य सरकार का पक्ष यह है कि हिजाब इस्लाम धर्म की आवश्यक धार्मिक मान्यताओं में नहीं आता है।