करनाल में किसानों ने CM आवास के बाहर प्रदर्शन, तोड़े बैरिकेड

karnal farmer protest

करनाल : हरियाणा के करनाल जिले में CM आवास के बाहर धान खरीद में देरी से गुस्साए किसानों ने दोपहर 12:30 बजे से घेराव करना शुरू कर दिया। इस दौरान सुरक्षा बलों और किसानों में बड़ी झड़प हुई। किसान प्रदर्शनकारियों ने सीएम के आवास के बाहर लगे बैरिकेड तोड़ दिए तो पुलिस ने उनके खिलाफ वाटर कैनन का इस्तेमाल कर उन्हें खदेड़ने की कोशिश की गई। किसान CM आवास के सामने सड़क पर दरी बिछाकर प्रदर्शन करने बैठ गए।

किसान प्रति एकड़ 25 क्विंटल धान की खरीद 11 अक्टूबर से करने के सरकार के फैसले से नाराज हैं। फैसले के विरोध में किसानों ने सभी विधायकों और सांसदों का घेराव करने का ऐलान किया है। सबसे पहले किसान CM मनोहर लाल के आवास के बाहर धान से भरी ट्रालियां लेकर पहुंचे। भाजपा विधायक असीम गोयल के घर के बाहर भी शनिवार को भारी संख्या में प्रदर्शनकारी किसान इकट्‌ठा हुए।

पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए सीएम आवास के दोनों ओर 500-500 मीटर दूर बैरिकेड्स लगाए थे। पैरामिल्ट्री फोर्स भी तैनात की गई थी। किसानों ने एक ओर से आकर पुलिस के बैरिकेड तोड़ दिए। पुलिस ने रोकने का प्रयास किया, वाटर कैनन का प्रयोग किया, लेकिन किसानों को आगे बढ़ने से नहीं रोक सके।

भाकियू जिला महामंत्री जगदीप औलख ने कहा कि किसानों ने हर बार सरकार और प्रशासन की चेतावनी को स्वीकार किया है। अब किसानों ने सीएम आवास का घेराव किया है। आज तक सात साल में सीएम आवास का घेराव करने तो बहुत सारी यूनियन और संस्थाएं आईं, पर कोई भी घर के सामने नहीं पहुंच सका। ऐसा किसानों ने आज पहली बार करनाल के इतिहास में किया है। जब सीएम आवास के दरवाजे पर किसानों के मैट बिछे हुए हैं।

तुरंत प्रभाव से शुरू करें खरीद : चढूनी
भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि धान की ट्राली लेकर करनाल के सीएम आवास का घेराव करने का आह्वान किया गया है। शांतिपूर्वक ढंग से प्रदर्शन करते हुए विरोध जताएंगे। क्योंकि सरकार ने धान की खरीद का समय 25 सितंबर से 1 अक्टूबर और 1 से 11 अक्टूबर तक बढ़ाकर किसानों के साथ नाइंसाफी की है।

200 केंद्रों पर होगी खरीद
सरकार प्रदेश में 200 केंद्रों पर धान की खरीद करने की तैयारी में जुटी है। इसके लिए तैयारियों को पूरा कर लिया गया है। करीब 2 लाख 90 हजार किसानों ने धान को बेचने के लिए पंजीकरण करवाया है। धान की खरीद पहले 1 अक्टूबर से की जानी थी, लेकिन अब 11 अक्टूबर से की जानी है। सरकार द्वारा कॉमन धान को 1940 रुपए और धान ग्रेड-ए के 1960 रुपए समर्थन मूल्य के तौर पर तय किए गए हैं।

बर्बाद हो रहा है किसान
चढूनी ने कहा कि 15 सितंबर से किसानों की फसलें पक चुकी है। ऊपर से बारिश हो रही है। कुछ किसान मंडियों में अपने धान को लेकर पहुंचे हुए हैं। बारिश के कारण धान खेत और मंडियों में सड़ रहा है। उनसे किसान की बर्बादी देखी नहीं जाती। ऐसे में सरकार को रोजाना नया फरमान जारी हो रहा है।

 

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