जयपुर : राजस्थान में कोरोना से बिगड़ते हालात को लेकर सीएम अशोक गहलोत ने ओपन बैठक की। रविवार शाम को अधिकारियों, राजनीतिक दलों, धर्मगुरुओं, सामाजिक संगठनों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़कर मंथन किया। विचार-विमर्श के बाद सीएम किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे। लॉकडाउन जारी रहेगा या नहीं, इस पर कुछ नहीं बोले। उन्होंने इतना जरूर कहा- पहले भी हमने सबकी सलाह से फैसले किए हैं। आगे भी कोई फैसला सबकी सलाह से होगा। कोरोना की भयावह हालत है। सच्चाई का सामना नहीं करेंगे, तो हालात काबू नहीं कर पाएंगे। पिछली बार की तरह ही जनता सहयोग करे। इस बार भी जनता सहयोग करेगी। अगर बाहर निकलना पड़े, तो बिना मास्क न निकलें। बिना मास्क का जुर्माना बढ़ाना पड़ेगा।
डॉ. सुभाग गर्ग ने कहा कर्फ्यू को सख्ती से लागू करें
स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. सुभाग गर्ग ने कहा था कि- 15 दिन तक कर्फ्यू को सख्ती से लागू करें। अन्यथा हम कुछ भी कर लें, संक्रमण की गति को नहीं रोक पाएंगे। मेडिकल एक्सपर्ट्स ने भी कुछ ऐसी ही राय रखी थी। इससे पहले , आरयूएचएस कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी सहित कई मेडिकल एक्सपर्ट ने 2-3 सप्ताह का लॉकडाउन लगाने का सुझाव दिया। इस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- पिछली बार जब लॉकडाउन लगाया गया था, तब लोगों को बहुत तकलीफ हुई थी। मजदूरों का पलायन हुआ, लोगों की रोजी-रोटी प्रभावित हुई। इसलिए लॉकडाउन का फैसला बहुत सोच-समझकर करना होगा।
प्रदेश में 30 फीसदी संक्रमित मामले गांवों से
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने संवाद में कहा कि कोरोना संक्रमण पूरी दूनिया में फैल रहा है सभी देश अपने आप को बचा रहे हैं। हमें भी अपने देश-प्रदेश को बचाना है। लोगों के सहयोग से ही हम प्रदेश को बचा सकता हैं. उन्होंने कहा कि मास्क किसी वैक्सीन से कम नहीं है। अब लोग धीरे-धीरे लापरवाह हो गए है।लोग सोचते हैं कि गांवों में कोरोना नहीं है, जबकि 30 फीसदी संक्रमित गांवों से आ रहे हैं। कुंभ व गुजरात से लोग आने से भी संक्रमण का भय बना हुआ है । उन्होंने लोगों से आग्रह करते हुए कहा कि कोरोना की लड़ाई अस्पताल में नहीं लड़ी जा सकती इसलिए सरकार का सहयोग दे और अपने आपको सुरक्षित रखने के लिए जब तक जरूरी न हो घर ने ना निकले।
मास्क वैक्सीन से कम नहीं
गहलोत ने कहा- पिछली बार पूरे साल जितना तनाव नहीं था, उतना एक माह में हो गया है। यूके ने चार माह लॉकडाउन लगाया, सिंगापुर ने भी बहुत कड़े कदम उठाए। सिंगापुर में बिना मास्क बाहर निकलने पर 5000 डॉलर जुर्माना है। हमें भी अपने प्रदेश को बचाना है। मास्क वैक्सीन से कम नहीं है। मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और बार-बार हाथ धोने पर जोर देना होगा। लोगों ने लापरवाही बरतनी शुरू कर दी है, इसलिए ऐसे हालात बन रहे हैं।
वैक्सीनेशन में भारत सरकार की नीति ठीक नहीं
गहलोत ने कहा, वैक्सीनेशन में भारत सरकार की नीति ठीक नहीं है। भारत सरकार ने पहले फ्रंट लाइन, फिर 60 साल, फिर 45 साल किया जो ठीक नहीं है। वैक्सीन को ओपन करना चाहिए था। विदेश से वैक्सीन मंगवाने की अनुमति देनी चाहिए थी। अशोक गहलोत ने कहा, पहले भिवाड़ी में ऑक्सीजन बन रही थी। उसे भारत सरकार ने सेंट्रलाइज्ड वितरण का फैसला किया। भारत सरकार ने पहले राजस्थान को नाममात्र का ऑक्सीजन अलॉट किया। अब जाकर जामनगर से ऑक्सीजन का कोटा मिला है। जामनगर में टैंकर नहीं है। वहां से ऑक्सीजन लाने की व्यवस्था की जा रही है।