-विप्र फाउण्डेशन के संस्थापक संयोजक सुशील ओझा की जनसामान्य से मार्मिक अपील
कोलकाता: विप्र फाउंडेशन के संस्थापक संयोजक सुशील ओझा ने कोरोना की दूसरी लहर को जानलेवा बताते हुए कहा कि संक्रमित होने के बावजूद RT-PCR टेस्ट में रिपोर्ट निगेटिव भी आ रही है। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि इस बार वायरस हवा में भी है। देश भर से मेडिकल फैसिलिटी की जो सूचनाएँ प्राप्त हो रही हैं, वे डरावनी हैं। अभी जिस गति से संक्रमण फैल रहा है आने वाले कुछ ही दिनों में बेड, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, दवा के लिए लोग तरस जाएँगे। ईश्वर ना करे मौत के ऐसे आँकड़े देखने पड़ें जिनके बारे में सोच कर ही रूह काँप जाए।
ओझा ने देश के आम जनमानस से इन परिस्थितियों से बचने-बचाने की मार्मिक अपील जारी करते हुए कहा कि सबसे कारगर उपाय लॉक डाउन है। उन्होंने कहा कि शासकों की सौ अन्य दुविधाएँ हो सकती हैं, पर हम स्वयँ अपने आप को आइसोलेट तो कर ही सकते हैं। यह चिन्ता जायज है कि घर बैठने से जीविका कैसे चलेगी। याद रखें जीविका की तो तब जरुरत पड़ेगी जब जीवन बचेगा।
उन्होंने वर्तमान में कोरोना की वस्तु स्थिति बताते हुए कहा कि चालीस साल से कम उम्र के लोगों, खासकर बच्चों में जिस तेजी से रोग फैल रहा है, मौतें हो रही है। मौत का आँकड़ा जानेंगे तो दिल दहल जाएगा। पहली लहर के वायरस की मारक क्षमता कम और लोगों में भय ज्यादा था। अब ठीक उल्टी स्थिति है।
ओझा ने अपने निजी अनुभव शेयर करते हुए कहा कि जो सच्चाई है उसे झुठलाया नहीं जा सकता। ऐसे में सच्चाई को छुपा झूठी बहादूरी दिखाना भी घातक हो सकता है।
विप्र फाउंडेशन संस्थापक संयोजक सुशील ओझा ने आमजन से कहा -कृपया सतर्क रहें। मास्क ठीक से पहनें, लोगों से शारीरिक दूरी रखें, अनावश्यक इधर-उधर घूमने से बचें। बहुत ही जरूरी हो तभी लोगों से मिलें या उन्हें बुलाएँ। स्थितियों को नजर अंदाज नहीं कर नजरदारी रखें। यथा संभव लोगों की ज्यादा से ज्यादा मदद करें। घर में कोई संक्रमित हो जाए तो घबराएँ नहीं, उन्हें 14 दिन कड़े आइसोलेशन में रखें, वायरस मर जाएगा। देशी उपचार भी सहयोगी है।
जैसे ऑक्सीजन की कमी होने पर उल्टा सोना, प्राणायाम करना, सन्तरे का सेवन, पंचगव्य आदि लेना उपयोगी है। ओझा ने कहा कि उनकी तो भगवान श्री परशुरामजी से प्रार्थना की कि समस्त देशवासियों को इस कोरोना रूपी कष्ट से सुरक्षित रखें ।