जरूरत के अनुसार आक्सीजन, वैक्सीन और दवाएं मिले तो राजस्थान फिर बन सकता है देश के लिए मॉडल

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जयपुर : चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने कहा कि राजस्थान कोरोना प्रबंधन में और कोरोना वैक्सीनेशन में देश के लिए रोल मॉडल रहा है। यदि जरूरत के अनुसार वैक्सीन,ऑक्सीजन व जीवनदायिनी दवाएं मिल जाए तो प्रदेश एक बार फिर मिसाल कायम कर सकता है।

चिकित्सा मंत्री ने कहा की प्रदेशवासियों की जान बचाने के लिए आक्सीजन की सबसे ज्यादा जरूरत है लेकिन ऑक्सीजन प्लांट भारत सरकार के नियंत्रण में है। भिवाडी में 120 मेट्रिक टन (एमटी) आक्सीजन जनरेट करता है लेकिन राजस्थान को केवल 65 एमटी ही मिल रहा है। पडोसी राज्य गुजरात को 1200 मेट्रिक टन और राजस्थान के लिए 124 मेट्रिक टन का कोटा फिक्स किया है। इसमें भी सप्लाई केवल 65 मेट्रिक टन की ही हो रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 76 हजार 600 एक्टिव केसेज हैं। इनके अलावा अन्य भर्ती मरीजों को उनकी स्थिति के अनुसार आक्सीजन देना पड़े तो हमें 136 मेट्रिक टन आक्सीजन की जरूरत पड़ेगी।

डॉ. शर्मा ने कहा कि विभाग द्वारा 7 लाख वैक्सीनेशन प्रतिदिन करने का ढांचा विकसित कर लिया है लेकिन जरूरत के अनुसार वैक्सीन नहीं मिल पा रही हैं। यही हाल जीवनदायिनी दवाओं का भी है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से सभी व्यवस्थाएं मजबूत हैं। यदि केंद्र सरकार राजस्थान को पर्याप्त मात्रा में सामग्री उपलब्ध कराती है, तो प्रदेशवासियों का जीवन बचाना हमारे लिए आसान होगा।

उन्होंने कहा कि राजस्थान वैक्सीन और कोरोना प्रबंधन में देश भर के लिए एक रोल मॉडल रहा है। उन्होंने कहा कि यदि हमें आवश्यकता के अनुसार वैक्सीन, जीवनदायिनी दवाएं (रेमडीसिविर, टोसीमीजुलेब) और आक्सीजन मिल जाएगी तो हम देश में एक बार फिर मिसाल कायम करेंगे।

डॉ. शर्मा ने कहा कि सरकार के पास पर्याप्त मात्रा में बैड है, जरूरत पड़ी तो 2 से 3 लाख बैड की व्यवस्था हम कर सकते हैं, लेकिन बैड के साथ आक्सीजन की ज्यादा जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस महामारी में या तो वैक्सीन या इंजेक्शन या फिर आक्सीजन ही लाइफ सेवर है।

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