कोरोना के बिगड़े हालातों को संभालने के लिए सेना ने रिटायर डाक्टरों को बुलाया

-सीडीएस ने की मोदी से मुलाकात

नई दिल्ली। भारतीय सेना ने कोरोना की भयावह स्थिति को देखते हुए 2 साल पहले रिटायर हुए सशस्त्र बलों के चिकित्साकर्मियों को ड्यूटी पर वापस बुलाया हैं। यह फैसला चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल बिपिन रावत और पीएम मोदी के बीच हुई मुलाकात के बाद लिया गया। दोनों ने कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए सशस्त्र बलों के जरिए की जा रही तैयारी और संचालन की समीक्षा की।जानकारी के अनुसार सशस्त्र बलों के सभी चिकित्साकर्मियों को कोविड केंद्रों में उनके वर्तमान निवास स्थान के निकट काम करने के लिए वापस बुलाया जा रहा है।

रावत ने बताया कि दो साल से पहले रिटायर हुए अन्य चिकित्सा अधिकारियों से भी अनुरोध किया गया है कि वे अपनी सेवाएं चिकित्सा आपातकालीन हेल्पलाइन के माध्यम से परामर्श के लिए उपलब्ध कराएं। पीएम को यह भी बताया गया कि कमांड मुख्यालय, कोर मुख्यालय, डिवीजन मुख्यालय और नौसेना और वायु सेना के समान मुख्यालय में कर्मचारियों की नियुक्तियों पर सभी चिकित्सा अधिकारियों को अस्पतालों में नियुक्त किया जाएगा।

नर्सिंगकर्मियों की बड़ी संख्या में नियुक्ति
सीडीएस ने पीएम को बताया कि अस्पतालों में नर्सिंगकर्मियों को बड़ी संख्या में नियुक्त किया जा रहा है। पीएम को यह भी जानकारी दी गई कि विभिन्न प्रतिष्ठानों में सशस्त्र बलों के साथ उपलब्ध ऑक्सीजन सिलेंडर अस्पतालों के लिए जारी किए जाएंगे। सीडीएस ने यह भी कहा कि वे बड़ी संख्या में चिकित्सा सुविधाएं बना रहे हैं और जहां संभव हो सके, सैन्य चिकित्सा बुनियादी ढांचा नागरिकों को उपलब्ध कराया जाएगा।

वायुसेना के अभियानों की भी समीक्षा की
पीएम ने भारतीय वायुसेना द्वारा भारत और विदेशों में ऑक्सीजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए किए जा रहे अभियानों की भी समीक्षा की। पीएम ने सीडीएस के साथ इस बात पर भी चर्चा की कि दिग्गज सेल में विभिन्न मुख्यालयों में तैनात केंद्रीय और राज्य सैनिक कल्याण बोर्ड और अधिकारियों को निर्देश दिया जा सकता है कि वे सुदूर क्षेत्रों में पहुंच कर अधिकतम सीमा तक विस्तारित करने के लिए दिग्गजों की सेवाओं का समन्वय करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *