नई दिल्ली: मारुति सुजुकी इंडिया के पूर्व प्रबंध निदेशक जगदीश खट्टर का सोमवार सुबह दिल का दौरा पड़ने के बाद निधन हो गया। उन्होंने सरकार की मदद से 2002 में मारुति के विनिवेश की शुरुआत के बाद ऑटो कंपनी के भविष्य के विकास की नींव रखी।
खट्टर जुलाई 1993 में तत्कालीन मारुति उद्योग लिमिटेड में निदेशक (Marketing) के रूप में शामिल हुए और अगले छह वर्षों में कार्यकारी निदेशक बन गए। बाद में 1999 में उन्हें संयुक्त प्रबंध निदेशक बनाया गया।
चुनौतियों का किया सामना
भागीदारों के बीच हुए समझौते में खट्टर को मारुति उद्योग लिमिटेड का एमडी का पदभार दिया। इस दौरान खट्टर ने कई चुनौतियों का सामना भी किया। उस समय सरकार और जापानी साझेदार स्वामित्व और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण जैसे विभिन्न मुद्दों पर आपस में उलझे हुए थे। खट्टर को औद्योगिक संबंधों के मुद्दों से भी निपटना पड़ा, उस वक्त गुरुग्राम कंपनी के 2000 कर्मचारी वेतन बढ़ोतरी और पेंशन जैसी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए।
इसके बाद 2002 में एमडी नियुक्त करने की SMC की बारी आई तो उसने दोबारा खट्टर का नाम ही चुना। एमडी के रूप में उनका दूसरा कार्यकाल मई 2002 में शुरू हुआ था। वह 2007 में देश के सबसे बड़े कार निर्माता के शीर्ष पद से रिटायर हुए।