अपने संघर्ष में हम उन अहम चीजों को अकसर भूल जाते हैं, जो हमारे जीवन को प्रभावित कर रहा है। अब चूंकि दुनिया घातक COVID-19 महामारी से जूझ रही है, इसलिए ग्लोबल वार्मिंग के विषय पर एक बार फिर से नजर डालने की आवश्यकता है। पृथ्वी एक ऐसा गृह है जिसे कि मां के रूप में देखा जाता है क्योंकि यह हम सभी को पालती है,हमारा पोषण करती है । लेकिन दिन-ब-दिन पृथ्वी की स्थिति दयनीय होती जा रही है। ओजोन लेयर में छेद हो चुका है,जलवायु परिवर्तित हो रही है, मनुष्य पृथ्वी के प्रति अपने कर्तव्यों से भाग रहा है, यही कारण है कि विश्व पृथ्वी दिवस का आयोजन करके विश्वभर के लोगों का ध्यान इस और आकर्षित करने का प्रयास किया जाता है। इसे दुनियाभर के 195 देशों द्वारा मनाया जाता है।
विश्व पृथ्वी दिवस का इतिहास
पृथ्वी दिवस एक वार्षिक आयोजन है, जिसे 22 अप्रैल को दुनिया भर में पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्थन प्रदर्शित करने के लिए आयोजित किया जाता है। इसकी स्थापना अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन ने 1970 में एक पर्यावरण शिक्षा के रूप की थी।
इस साल इसे तीन दिन के इवेंट के तौर पर मनाया जा रहा है जो 20 से अप्रैल से शुरु हो गया है। इस साल कोविड महामारी के कारण कार्यक्रमों को डिजिटल तौर पर मनाया जा रहा है। कोविड-19 के कारण पर्यावरण की अहमियत पर भी जोर दिया रहा है।
इस दिन का महत्व
पिछले कुछ सालों में अर्थ डे मनाने की लोकप्रियता काफी बढ़ी है और साल दर साल जैसे-जैसे जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणाम सामने आते जा रहे हैं। इसके महत्व पर ज्यादा जोर दिया जाने लगा है पृथ्वी दिवस को हर साल जलवायु परिवर्तन संकट के प्रति जागरूकता फैलाने के तौर पर मनाया जाता है। यह दिन प्रदूषण, वनों की कटाई जैसी समस्याओं को जोड़ने और उन पर चर्चा के लिए लोगों को साथ लाने का अवसर है। ओजोन लेयर में क्षति होने के कारण जलवायु परिवर्तित हो रही है। इंसान पृथ्वी के प्रति अपने कर्तव्यों से दूर होता जा रहा है।
साल 2021 की थीम
पृथ्वी दिवस 2021 के लिए इस वर्ष की थीम “रिस्टोर अवर अर्थ” है। विषय बताता है कि हमें ग्रह को पुनर्स्थापित करने और दुनिया के पारिस्थितिक तंत्र के पुनर्निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अपना काम शुरू करने की आवश्यकता है। वेबसाइट के अनुसार Earthday.org विषय “प्राकृतिक प्रक्रियाओं, उभरती हुई हरी प्रौद्योगिकियों और अभिनव सोच पर ध्यान केंद्रित करेगा जो दुनिया के पारिस्थितिक तंत्र को बहाल कर सकता है।”
व्हाट्सएप का नया स्टीकर पैक
वर्ल्ड अर्थ डे पर व्हाट्सएप ने भी एक नया स्टीकर पैक जारी किया है। स्टैंड अप फॉर अर्थ नाम के इस पैक में कुछ पर्यावरण संबंधी उन चुनौतियों का रेखांकित किया गया है। जिसका सामना आज हम सब पूरी दुनिया में कर रहे हैं। इनके जरिए कंपनी लोगों में रीसाइक्लिंग और पानी और बिजली बचाने के कार्यों पर जोर देना चाह रही है।