विप्र प्रतिभा–कुलदीपक ‘कुलदीप’ – ‘यश’ ने लहराई यश पताका

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जयपुर: प्रत्येक माता-पिता की अभिलाषा रहती हैं कि उनकी संतान कुल का नाम रोशन करें। अपनी मेहनत,
लगन और आईएएस बनने के एकमात्र लक्ष्य को लेकर चलने वाले होनहार कुलदीप शर्मा ने आईएएस की मुख्य
परीक्षा उत्तीर्ण कर परिजनों का कुल का दीपक बनने का सपना काफी हद तक सच कर दिखाया हैं। आईएएस के
साक्षात्कार में भी कुलदीप अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होगा ऐसी अभिलाषा हैं। दौसा जिले के एक छोटे से मिश्रों की
ढाणी,जोण गांव में रामबाबू शर्मा के घर जन्में कुलदीप पढ़ाई में शुरू से ही होनहार था। इसी के चलते आपकी
पांचवीं से बारहवीं तक की पढ़ाई नवोदय विद्यालय खेड़ली दौसा में हुई।

उसके बाद आपने दिल्ली विश्वविद्यलय से बीए किया और कॉलेज टॉपर रहे। उसके बाद आपने जेएनयू से
जोग्राफी में एमए किया। वर्तमान में दौसा के ग्रामीण जनजीवन को लेकर जेएनयू से ही पीएचडी कर रहे हैं।
आपने शुरू से ही आईएएस बनने का सपना देखा और उसी लक्ष्य में दिल्ली में रहकर कोचिंग कर रहे थे।
पहली बार में तो सफलता नहीं मिली, लेकिन दूसरी बार में अपने लक्ष्य को काफी हद तक हासिल कर लिया।
आपके पिता रामबाबू भी शिक्षाविद् है और नांगल राजावतान में अभिषेक आर्दश विद्या मंदिर के नाम से विद्यालय
संचालित करते हैं। परिजनों को भरोसा है कि साक्षात्कार में भी कुलदीप बाजी मार जाएगा।

यश ने भी यश का ध्वज लहराया

डूंगरपुर जिले के नादियां गांव के यश जोशी ने भी पहली ही बार में आईएएस की मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण कर
अपनी प्रतिभा का लौहा बनवा दिया। ओमप्रकाश जोशी के सुपुत्र यश बीएड में भी अध्ययनरत हैं। बीएड में
अध्ययनरत रहते हुए ही आपने आईएएस की मु य परीक्षा उत्तीर्ण की हैं। विप्र समाज की दोनों प्रतिभाओं को
सर्व विप्र मार्तण्ड परिवार की ओर से प्रगति की हार्दिक शुभेच्छा।

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