जयपुर| मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना सक्रमण की डरावने हालातों से निपटने के लिए साफ संकेत दिए कि लोगों ने हैल्थ प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया तो अधिक सख्ती भरे कदम उठाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जान बचाने के लिए सख्ती करनी पड़े तो वह भी करेंगे,लेकिन हम चाहते हैं कि लोग सहयोग करें ताकि सख्ती की नौबत ही नहीं आएं।
गहलोत आज वीकेंड कफ्र्यू लागू करने के बाद रात आठ बजे प्रदेश की जनता के नाम सरकार के सहयोग का संदेश देते हुए प्रदेशवासियों को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की लहर जिस तेजी से चल रही है उसे देखते यह जरूरी हो गया है कि कड़े कदम उठाए जाए साथ ही जनता भी सरकार का इसमें पूरा सहयोग करें तभी इस महामारी से हम निपट पाएंगे। गहलोत ने कहा कि इस बार बच्चों और युवाओं में भी कोरोना तेजी से फैल रहा है। अन्य राज्यों के मुकाबले राजस्थान की स्थिति फिर भी बेहतर है पर राजस्थान को कैसे बचाया जाए इसको लेकर हम सब चिंतित है और उसी को ध्यान में रखते हुए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। हमने कोरोना से निपटने से सभी प्रदेशवासियों का सहयोग मांगा है और सब वर्गों से बात भी की है। सरकार चाहती है कि जान बचाने के लिए पुलिस को बेवजह डंडे ना चलाने पड़े इसके लिए जरूरी है कि प्रदेश की जनता हैल्थ प्रोटोकॉल का पालन करें। उन्होंने कोरोना काल के पहले के प्रबंधन की चर्चा करते हुए कहा कि हमारा शानदार प्रबंधन रहा है उसकी देश ही नहीं दुनियाभर में सराहना हुई हैं। अब भी सरकार चाहती है कि सबके सहयोग से कोरोना से हम बच सके। उन्होंने बचाव ही सबसे बड़ा उपाय बताया और कहा कि फिर भी सरकार इलाज में किसी तरह की कमी नहीं आने देगी। मुख्यमंत्री ने वैक्सीन की कमी का जिक्र तो किया लेकिन साथ ही कहा कि वैक्सीन सब लगवाए ताकि जिन्दगी सुरक्षित हो सके।
जान बचाने के लिए शक्ति करनी पड़ी तो शक्ति भी करेंगे गहलोत
प्रदेश की जनता से हेल्थ प्रोटोकॉल पलना करने की अपील, जनता से सहयोग मांगा प्रदेश की जनता के नाम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का सम्भोदन