नई दिल्ली: दिग्गज अभिनेत्री आशा पारेख को साल 2022 में दादा साहब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने अभिनेत्री की जन्मदिन से कुछ दिन पहले इस बात का एलान किया है। यूं तो आशा पारेख ने एक्टिंग से रिटायरमेंट ले लिया है। लेकिन 60 और 70 के दशक में आशा पारेख का नाम तब की बेहतरीन अभिनेत्रियों में लिया जाता था। अपने समय में फिल्मी पर्दे पर राज करने वाली आशा पारेख सबसे अधिक भुगतान पाने वाली अभिनेत्री थीं। बता दें कि 1992 में, उन्हें सिनेमा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। आपको बता दें, दादा साहब फाल्के पुरस्कार प्रतिवर्ष दादा साहब फाल्के के नाम पर दिया जाता है, जिन्हें ‘भारतीय सिनेमा के पिता’ के रूप में जाना जाता है। पिछले साल इस अवॉर्ड से रजनीकांत को सम्मानित किया गया था और इस साल यह अवॉर्ड आशा पारेख को मिला है।
Dada Saheb Phalke Award to be conferred to actor Asha Parekh this year: Union Minister Anurag Thakur pic.twitter.com/gP488Ol4zH
— ANI (@ANI) September 27, 2022
10 साल की उम्र में शुरू की एक्टिंग
बता दें कि आशा पारेख का जन्म 2 अक्टूबर 1942 को गुजरात के एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। आशा ने महज 10 साल की उम्र में एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी। आशा पारेख ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर फिल्म ‘आसमान’ से साल 1952 से की थी। बतौर एक्ट्रेस आशा पारेख की पहली फिल्म थी ‘दिल देके देखो’, जो बेहद सफल हुई थी। लगभग 80 फिल्मों में बतौर एक्ट्रेस काम कर चुकीं आशा पारेख की तमाम फिल्में बेहद पसंद की गई। जिनमें ‘जब प्यार किसी से होता है’, ‘घराना’, ‘भरोसा’, ‘मेरे सनम’, ‘तीसरी मंजिल’, ‘दो बदन’, ‘उपकार’, ‘शिकार’, ‘साजन’, ‘आन मिलो सजना’ प्रमुख है।
टीवी जगत में भी आजमाया हाथ
टेलीविजन धारावाहिकों का निर्देशन और निर्माण करने के लिए आशा ने 1995 में अभिनय से रिटायरमेंट ले लिया। आशा पारेख ने गुजराती, पंजाबी और कन्नड़ फिल्मों में भी काम किया है. कुछ समय बाद उन्होंने टेलीविजन का माध्यम अपनाया और अपनी खुद की प्रोडक्शन कंपनी शुरू की। उन्होंने गुजराती धारावाहिक ‘ज्योति’ (1990) का निर्देशन किया और ‘पलाश के फूल’, ‘बाजे पायल’, ‘कोरा कागज’ और ‘दाल में काला’ जैसे शोज का निर्माण किया।
लाइफटाइम अचीवमेंट अवाॅर्ड
पारेख को 2002 में फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवाॅर्ड मिला। इसके अलावा भी उन्हें कई लाइफटाइम अचीवमेंट अवाॅर्ड मिले: 2004 में कलाकर अवाॅर्ड; 2006 में अंतर्राष्ट्रीय भारतीय फिल्म अकादमी पुरस्कार; 2007 में पुणे अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह पुरस्कार; और 2007 में लॉन्ग आइलैंड, न्यूयॉर्क में नौवां वार्षिक बॉलीवुड पुरस्कार। इतना ही नहीं, उन्हें फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) से लिविंग लीजेंड अवाॅर्ड भी मिल चुका है।