शौर्य चक्र विजेता सरकारी नौकरियों में धांधली के खिलाफ बैठा है आमरण अनशन पर

शौर्य चक्र विजेता सरकारी नौकरियों में धांधली के खिलाफ बैठा है आमरण अनशन पर

झुुंझुनूं: सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट शौर्य चक्र विजेता विकास जाखड़ ने मंगलवार को आमरण अनशन शुरू कर दिया। वे अपने गांव जाखड़ों का बास में ही अनशन पर बैठे। जाखड़ का साथ देने के लिए राजस्थान के कई जिलों से युवा भी पहुंचे। जाखड़ रीट समेत कई सरकारी नौकरियों में धांधली को लेकर सरकार के खिलाफ अनशन कर रहे हैं। विकास जाखड़ सीआरपीएफ से इस्तीफा भी दे चुके है, लेकिन उनका इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है। बता दें कि विकास जाखड़ ने नवंबर 2016 में झारखंड के लातेहर में सात नक्सलियों को मार गिराया था।

जाखड़ ने कहा कि कुछ सालों से राजस्थान में भर्तियों में लगातार बड़े स्तर पर घोटाले हो रहे हैं। पढ़ने वाले युवाओं का नम्बर नहीं आता है। राजनेताओं से सम्बन्ध रखने वाले नौकरी पर लग जाते हैं। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती, तब तक अनशन जारी रहेगा।

शौर्य चक्र विजेता विकास जाखड़ के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने समर्थन दिया। विकास जाखड़ रात को भी धरना स्थल पर अपने समर्थकों के साथ मौजूद रहे। जाखड़ के साथ सवाई माधोपुर से संजुलता मीणा, सीकर से सुमित शर्मा, जालौर से योगेश, जयपुर से रूप से सिंह, मुकेश, राजेश, अर्जुन, हरकेश सहित काफी संख्या में युवक समर्थन देने गांव पहुंचे।7

नक्सलियों को उतारा था मौत के घाट

झुंझुनूं के इंदिरा नगर निवासी सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट विकास जाखड़ ने 23 नवंबर 2016 में झारखंड के लातेहर जिले में नक्सलियों से मुकाबला किया था। इसमें उन्होंने सात नक्सलियों को मार गिराया था। इसी शौर्यता के कारण उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शौर्य चक्र से नवाजा था।

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