राजस्थान में भी सख्ती की तैयारी: वैक्सीनेशन अनिवार्य, नाईट कर्फ्यू के साथ कई अन्य पांबदियों पर विचार

जयपुर: कोरोना के नये वैरिएंट ओमिक्रॉन के राजस्थान में बढ़ते केसों को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज लाइव रिव्यू बैठक ली जुसमे कहा कि पूरे देश में पिछले तीन-चार दिन से माहौल बन गया है। सेकेंड वेव में कुछ लापरवाहियां हुई हैं। लोग उस दर्द को अभी भूले नहीं है। अब ऐसे हालात पैदा न हो, उससे बचने के लिए हमें वैक्सीन अनिवार्य करना पड़ेगा। किसी व्यक्ति को वैक्सीन लगवाने से इंकार करने का अधिकार नहीं है। हमें इसे अनिवार्य करना ही पड़ेगा।

वैक्सीन नहीं तो सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं

मुख्यमंत्री ने कहा कि जो वैक्सीन नहीं लगाएंगे, उन्हें सरकारी योजनाओं का फायदा नहीं मिलेगा। पंजाब ने सैलरी रोक दी है। हमें भी ऐसे ही कदम उठाने होंगे।

केंद्र को बूस्टर डोज पर विचार करना चाहिए

उन्होंने कहा कि अब वैक्सीनेशन की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की चेतावनी के बाद भारत सरकार को बूस्टर डोज पर विचार करना चाहिए। इसके लिए भारत सरकार पर दबाव बनाना पड़ेगा।

कलेक्टर इसे बहुत सीरियसली लें

मुख्यमंत्री ने कहा कि उप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने प्रधानमंत्री से कहा है कि यूपी चुनाव टाल दिए जाएं। इसका मतलब बहुत बड़ा है। कलेक्टर इसे बहुत सीरियसली लें। उन्होंने डीजीपी को निर्देश दिए कि सख्ती की तैयारी करें। पहले जनता को चेतावनी दे दी जाए, इसके बाद नाइट कर्फ्यू और मास्क को लेकर सख्ती बरतनी शुरु कर दी जाए।
अशोक गहलोत ने स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश दिए हैं कि आरटीपीसीआर टेस्ट बढ़ाए जाएं और उन स्थानों पर फोकस ज्यादा किया जाए, जहां ज्यादा मरीज मिल रहे हैं।

अभी से पाबंदियां लगाना ठीक

इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा है कि अभी से पाबंदियां लगाना ठीक रहेगा।
ओपन मिटिंग में कोरोना की डिटेल बताते हुए वैभव गालरिया ने कहा कि भारत अभी अमेरिका, यूके या यूरोप के अन्य देशों के मुकाबले बहुत बेहतर स्थिति में है, लेकिन यहां भी धीरे-धीरे केस बढ़ रहे है। उन्होंने कहा कि अन्य देशों में पाबंदिया लगनी शुरू हो गई है। हमे भी अगर लॉकडाउन से बचना है तो हमे भी पाबंदिया लगाने पर विचार करना चाहिए।

नीदरलैण्ड में 14 जनवरी तक लॉकडाउन

एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसीपल डॉ. सुधीर भण्डारी ने कहा कि यूरोप के नीदरलैण्ड में 14 जनवरी तक लॉकडाउन लग गया है। यहां रेस्टोरेंट, बार, पार्क, जिम आदि बंद कर दिए है। इसके अलावा अन्य देशों जर्मनी, ब्राजील में भी सख्ती बढ़ गई है। ऐसे में हमे भी जरूरी हो सके तो पाबंदिया लगाकर अभी से वायरस को कंट्रोल करने के प्रयास करने चाहिए।

थर्ड वेव का अलार्म बज चुका

कोरोना मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य और विशेषज्ञ डॉ. वीरेन्द्र सिंह ने कहा कि जिस तरह से कोरोना की दूसरी लहर आई थी, उस समय भी किसी ने अंदाजा नहीं लगाया था कि यह इस तरह से आएगी। इस बार भी संकेत ऐसे ही मिल रहे हैं, क्योंकि इस बार भी पहले यूरोप अमेरिका में केस तेजी से बढ़ रहे है। वहां अब केस धीरे-धीरे कंट्रोल होने लगेंगे और एशियाई देशों में केस बढ़ने लगेंगे। हम मानकर चल रहे है कि थर्ड वेब की कॉल बैल बज चुकी है और हमे अभी से सावधान हो जाना चाहिए।

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