Chaitra Purnima 2021: चैत्र पूर्णिमा कब है? जानें पूजन की तिथि और महत्व

-मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान एवं दान-पुण्य करने से भगवान की असीम कृपा होती है और समस्त प्रकार के दुखों से छुटकारा मिलता है।

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सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि को बेहद ही शुभ माना जाता है। चैत्र पूर्णिमा हिंदू नववर्ष की पहली पूर्णिमा है। इसी दिन हनुमान जयंती भी मनाई जाती है। इस लिए इस पूर्णिमा का धार्मिक दृष्टि से महत्त्व और भी बढ़ जाता है। इस बार चैत्र मास की पूर्णिमा यानी हिंदू नववर्ष की पहली पूर्णिमा तिथि 27 मार्च को पड़ रही है। इस दिन को चैत्र पूर्णिमा के अलावा चैत्र पूनम या चैत्र पूर्णिमासी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के स्वरूप सत्यनारायण की पूजा बड़े ही विधि विधान से किया जाता है।

शुभ मुहूर्त, तिथि, पूजन विधि और महत्त्व

चैत्र पूर्णिमा, दिन मंगलवार, 27 अप्रैल 2021 को
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ- 26 अप्रैल 2021, सोमवार, दोपहर 12 बजकर 44 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 27 अप्रैल, 2021, मंगलवार, सुबह 09 बजकर 01 मिनट तक

चैत्र पूर्णिमा पूजा विधि /व्रत विधि

चैत्र पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान से पहले व्रत का संकल्प लें और वरुण देव का नमन वंदन करें। उसके बाद किसी पवित्र नदी /कुंड में स्नान करें, स्नान के बाद सूर्य देव के मंत्रो का जाप करते हुए सूर्य को अर्घ्य प्रदान करें। स्नान से निवृत्त होकर भगवान मधुसूदन की पूजा कर उन्हें नैवेद्य अर्पित करें. अंत में गरीब परिवार को दान-दक्षिणा प्रदान करें।

चैत्र पूर्णिमा का महत्त्व

हिंदू पंचांग के मुताबिक़,हिन्दू नववर्ष की पहली पूर्णिमा तिथि को चैत्र पूर्णिमा कहते है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्त को सुख,धन और वैभव की प्राप्ति होती है। चैत्र पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के स्वरूप सत्यनारायण की पूजा की जाती है। इसके साथ ही सत्यनारायण व्रत कथा का आयोजन कर प्रसाद का वितरण किया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से भक्त को सभी प्रकार के कष्टों से छुटकारा मिलता है।

चैत्र पूर्णिमा के दिन श्रीराम के अनंन्य भक्त हनुमान जी का भी जन्म हुआ था। इस लिए इस दिन हुनमान जयंती भी मनाई जाती है।इसके चलते चैत्र पूर्णिमा का महत्व और भी बढ़ जाता है।

 

 

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