श्रीगंगानगर। श्रीगंगानगर से रायसिंहनगर तक का सफर काफी सुगम होने वाला है। सूरतगढ़ में केन्द्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लगभग 753 करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाओं का वर्चुअल माध्यम से शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं के तहत श्रीगंगानगर जिले के सूरतगढ़ में 26.61 करोड़ रुपये की लागत से राष्ट्रीय राजमार्ग-62 (पुराना राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-15) के बीकानेर-सूरतगढ़ खंड में आरई दीवार के साथ दोनों तरफ के एप्रोच सड़क सहित इंदिरा सर्किल पर 1.066 किलोमीटर की लम्बाई के 4 लेन फ्लाईओवर का निर्माण किया जाएगा। 56.20 करोड़ रुपये की लागत से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 62 (पुराना राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-15) के सूरतगढ़-श्रीगंगानगर खंड के किमी 173/0 से 250/900 तक लगभग 77.90 किमी मार्ग को सुदृढ़ किया जाएगा। एक अन्य परियोजना में श्रीगंगानगर से रायसिंहनगर तक NH-911 पर लगभग 670.38 करोड़ रुपये की लागत से पेव शोल्डर के साथ दो लेन राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया जाएगा जिसकी लंबाई 102.076 किमी रहेगी।
इस सड़क को श्रीगंगानगर, श्रीकरणपुर, गजसिंहपुर और रायसिंहनगर में कुल 41.524 किमी के बाईपास के रूप में बनाया जाएगा, जिससे यातायात सुगम होगा और स्थानीय ग्रामीणों को भी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। राजस्थान के सीमावर्ती जिले श्रीगंगानगर में सुगम यातायात और सामरिक दृष्टि को ध्यान में रखते हुए इन परियोजनाओं का अत्याधिक महत्व है। जहां एक ओर इस सड़क के निर्माण से 4 मंडियों श्रीगंगानगर, श्रीकरणपुर, गजसिंहपुर और रायसिंहनगर समेत क्षेत्रवासियों को आवागमन के लिए भी बहुत सुविधा होगी। वहीं दूसरी ओर सूरतगढ़ में फ्लाई ओवर बनने से यातायात सुगमता से संचालित हो सकेगा। रोज-रोज लगने वाले जाम से वाहन चालकों को मुक्ति मिलेंगी।
साथ ही स्थानीय निवासियों को भी दुर्घटनाओं और रोजमर्रा की परेशानियों से निजात मिलेगी। आने वाले समय में ये सभी परियोजनाएं जिले के तेजी से विकास में बहुत सहायक सिद्ध होगी। कार्यक्रम में श्रीगंगानगर लोकसभा सांसद निहाल चन्द, सूरतगढ़ विधायक रामप्रताप कासनिया समेत अन्य पार्टी पदाधिकारी, विभागों के अधिकारी व आमजन उपस्थित रहे। इस मौके पर श्रीगंगानगर सांसद निहालचंद मेघवाल ने सूरतगढ़ से रावतसर के लिए राज्य सरकार से डीपीआर बनाकर केंद्र सरकार को भेजने की मांग की है, ताकि केंद्र सरकार उक्त रोड पर भी जल्द ही अपनी स्वीकृति जारी कर सके स्थानीय लोगों को राहत मिल सके।