उदयपुर। पेसिफिक मेडिकल काॅलेज एण्ड हाॅस्पिटल (पीएमसीएच) के चिकित्सकों की दो महीने की मेहतन रंग लाई है। डूगरपुर निवासी बेबी ऑफ सुमन (बदला हुआ नाम) जिसका वजन जन्म के समय सिर्फ 580 ग्राम था उसे पीएमसीएच अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। बच्चे का वजन अब बढ़कर 1.5 किलो तक हो गया है। बच्चा अब खतरे से बाहर है। और उसके सभी ऑर्गन पूरी तरह से काम कर रहे हैं।
पीडियाटिक इन्टेसिविस्ट डाॅ.पुनीत जैन ने बताया कि मरीज की समय से पूर्व डिलिवरी हो गई और बच्चा सिर्फ 28 हफ्ते का और प्रीमच्योर था। बच्चे को तुरन्त नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट में विशेष देखरेख के लिए एडमिट किया गया। डाॅ.पुनीत जैन ने बताया कि जांच में सामने आया कि बच्चे को सांस लेने की दिक्कत हो रही थी फेफड़ों को विकसित करने के लिए दवा शुरू की गई। 28 हफ्ते में डिलिवरी होने से मां को भी दूध नहीं आ रहा था। बच्चा इतना कमजोर था कि “बच्चे को वेंटिलेटर पर रखा गया क्योंकि बच्चा अपने आप सांस नहीं ले पा रहा था। लगभग दस दिन तक वेन्टीलेटर पर रहने के बाद बव्चें को आॅक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया। बच्चे को दूध ट्यूब के माध्यम से धीरे-धीरे शुरू किया गया, लगभग दो महीने तक एनआईसीयू में रहनें के बाद बच्चें के वजन लगातार बडता गया और डेढ़ किलो हो गया।
पिडियाट्रिक विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. रवि भाटिया ने बताया कि डाॅ.दिनेश रजवानिया, डाॅ.सन्नी मालविया, डाॅ.पलक जैन, डाॅ.आयशा, डाॅ.सविता एवं पूरी टीम का इस बच्चे के इलाज में योगदान रहा। इस बच्चे का चिंरजीवी योजना के साथ साथ हाॅस्पिटल मैनेजमेन्ट के सहयोग से निःशुल्क इलाज किया गया। परिजनों ने पीएमसीएच के चेयरपर्सन राहुल अग्रवाल एवं डाॅयरेक्टर प्रीति अग्रवाल को धन्यवाद दिया। सभी चुनौतियों का सामना करते हुए बच्चें को 60 दिन तक अस्पताल में रहने के बाद 1.5 किलोग्राम के स्वस्थ वजन के साथ छुट्टी दे दी गई।