तृतीय राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2020 : प्रदेश को जल संग्रहण एवं मृदा संरक्षण के उत्कृष्ट कार्यों में द्वितीय स्थान के लिए पर मिला राष्ट्रीय जल पुरस्कार

जयपुर। जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित तृतीय राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2020 के तहत प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत वैज्ञानिक आधार पर जल संग्रहण एवं मृदा संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर प्रदेश को द्वितीय स्थान के लिए राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2020 से पुरस्कृत किया गया है। इसी तरह देश में जल संरक्षण एवं प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रयासों के लिए सर्वश्रेष्ठ जिला पश्चिमी क्षेत्र श्रेणी में बांसवाड़ा जिले को भी द्वितीय स्थान प्राप्त करने पर राष्ट्रीय जल पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया है।

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की प्रमुख शासन सचिव अपर्णा अरोरा ने बताया कि प्रदेश को यह पुरस्कार विगत 4 वर्षों में कराए गए 1 लाख 17 हजार 789 वर्षा जल संग्रहण कार्य जैसे एनीकट, चैकडैम, मिनी परकोलेशन टैंक निर्माण, सूक्ष्म सिंचाई टैंक निर्माण, तालाब जोहड़ खेत तलाई खड़ींन टांका रूफटॉप वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर इत्यादि के निर्माण के लिए दिया गया। उन्होंने बताया कि जल संग्रहण कार्यों से सूखे कुंए एवं नकारा हैडपंप पुनर्जीवित हो गए जिसकी वजह से भूजल में आशातीत बढ़ोतरी हो गई और इसके फलस्वरूप 14 हजार 800 हेक्टेयर भूमि में अतिरिक्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध हुई है। उन्होंने बताया इन जल संग्रहण कार्यों के कारण ही 46 हजार 879 हेक्टेयर भूमि में अतिरिक्त कृषि उत्पादन एवं 78 हजार हेक्टेयर बंजर भूमि उत्पादन योग्य बन गई।

उल्लेखनीय है कि नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित इस तृतीय राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2020 में राज्य की ओर से राष्ट्रीय जल पुरस्कार जल ग्रहण विकास एवं भू संरक्षण विभाग के निदेशक आशीष गुप्ता एवं संयुक्त निदेशक सुशीला यादव ने प्राप्त किया, जबकि बांसवाड़ा जिले का पुरस्कार जिला कलक्टर अंकित कुमार एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद बांसवाड़ा द्वारा प्राप्त किया गया।

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