जयपुर। जयपुर जिले के जमवारामगढ़ क्षेत्र के खतेहपुरा गांव में 19 अक्टूबर को दिनदहाड़े विप्र महिला गीता देवी शर्मा के कुल्हाड़ी से निर्मम हत्या करके उसके पैर से चांदी के कड़े ले जाने वाले हत्यारे पकड़े गए। पुलिस ने मुख्य अभियुक्त सहित 5 को गिरफ्तार किया है। 3 महीने 11 दिन बाद इस हत्याकांड का खुलासा हो पाया है। हत्या का मास्टरमाइंड खतेहपुरा गांव का ही रहने वाला है। पुलिस अधीक्षक जयपुर ग्रामीण मनीष अग्रवाल के अनुसार पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि खतेहपुरा का रहने वाला पवन बलाई इसमें शामिल है। इस आधार पर पुलिस ने पवन से पूछताछ की तो उसने अपराध स्वीकार कर लिया।
कर्जा चुकाने के लिए दिया वारदात को अंजाम
आरोपी पवन ने पूछताछ में बताया कि ऑनलाइन खेले जाने वाले तीन पत्ती गेम में वह काफी रूपए हार चुका था। इससे उस पर कर्जा हो गया था। यह कर्जा चुकाने के लिए उसने वारदात को अंजाम दिया। आरोपी ने एक कड़ा अपने पड़ोसी सूरज को बेचने के लिए दे दिया व दूसरा कड़ा विष्णु व उपदेश उर्फ सोनू के जरिए दिनेश को बेचना बताया। इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी पवन (19) पुत्र जगदीश प्रसाद बलाई निवासी खतेहपुरा, सूरजमल (20) पुत्र कालूराम बलाई निवासी खतेहपुरा, विष्णु (19) पुत्र लक्ष्मण प्रसाद बलाई निवासी सामोर थाना आंधी, उपदेश उर्फ सोनू (25) पुत्र छोटेलाल बलाई निवासी बड़ौली, थाना कोलवा, जिला दौसा व दिनेश (22) पुत्र शंकरलाल बैरवा निवासी धनावड़, जिला दौसा को गिरफ्तार कर लिया।
विप्र फाउंडेशन की रही थी अहम भूमिका
विप्र फाउंडेशन ने इस प्रकरण में अहम भूमिका निभाई थी तथा पुलिस प्रशासन से पीडि़त परिवार को आर्थिक मदद भी उपलब्ध करवाई थी। विप्र फाउंडेशन ने इस प्रकरण को लेकर जयपुर में अमर जवान ज्योति तक कैंडल मार्च भी निकाला था तथा विप्र फाउंडेशन राजस्थान जोन 1 के प्रदेशाध्यक्ष राजेश कर्नल व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शंकर लाल शर्मा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में संगठन के पदाधिकारी खतेहपुरा गांव पहुंचे थे। कर्नल ने तत्कालीन सरकारी मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी की मध्यस्थता से इस प्रकरण में आक्रोशित ग्रामीणों को शांत करवा प्रशासन से समझौता करवाया था। विप्र फाउंडेशन प्रदेशाध्यक्ष राजेश कर्नल ने इस प्रकरण का खुलासा करने वाली पुलिस टीम का आभार भी प्रकट किया है।