बूंदी : राजघराने के नए मुखिया वंशवर्धन सिंह को पगड़ी पहनाने का दस्तूर शनिवार को बूंदी की नवल सागर झील किनारे स्थित मोती महल में किया गया। कापरेन ठिकाने के कुंवर वंशवर्धन सिंह को पगड़ी(पाग) बांधी गई। तिलक दस्तूर सहित राजतिलक का हर दस्तूर बूंदी राजघराने की सनातन राज परंपरा के मुताबिक निभाया गया। इस दौरान अलवर रियासत के भंवर जितेंद्र सिंह भी मौजूद रहे। साथ ही कई पूर्व रियासत और पूर्व ठिकानों के सदस्य कार्यक्रम में पहुंचे।
मेवाड़ के उदयपुर राजघराने के बाद बूंदी की रियासत राजपूताने की सबसे प्राचीन रियासत मानी जाती है। इसकी स्थापना महाराव देवा हाड़ा ने 780 साल पहले 1242 में की थी। बूंदी राजवंश में कई प्रतापी शासक हुए हैं। बूंदी राजपूताने के चौहान वंश के हाड़ा कुल की पहली रियासत है। पारंपरिक आयोजन के बाद शाम चार बजे से शोभायात्रा निकाली जाएगी। इसमें बड़ी संख्या में बूंदी के लोगों ने शिरकत करेंगे। पुष्पवर्षा कर कई जगह शोभायात्रा का स्वागत किया जाएगा।
इस दौरान अलवर महाराजा भंवर जितेन्द्र सिंह, कोटा के महाराज कुमार , बीकानेर महाराजा रवि राज सिंह, सिरोही महाराजा पदमश्री रघुवीर सिंह, पूर्व राज्यपाल वीपी सिंह बदनोर(बदनोर ठिकानेदार), किलचिपुर रियासत के महाराज प्रियव्रत सिंह, राघव गढ़ महाराज कुमार जयवर्धन सिंह, कच्छ के युवराज प्रताप सिंह, झालावाड़ के महाराज राणा चंद्र सिंह समेत कई पूर्व रियासतों के मुखिया और सदस्य मौजूद रहे।