सुप्रीम कोर्ट ने बजरी खनन पर लगी रोक हटा वैध खनन गतिविधियों को दी मंजूरी

बजरी खनन

जयपुर : राजस्थान में आखिरकार बजरी(रेत) खनन से रोक हट गई है। सुप्रीम कोर्ट ने ऑल राजस्थान बजरी ट्रक यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष नवीन शर्मा की याचिका पर यह फैसला दिया है। कोर्ट ने खनन मामले में सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी की सिफारिशें मंजूर कर ली हैं। प्रदेश में अब वैध बजरी खनन शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है। कोर्ट ने अपने फैसले में वैध खनन गतिविधियों को मंजूरी दी है। वैध खदानें शुरू होने से बजरी के दामों में कमी आएगी, इससे घर बनाना सस्ता होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिन बजरी माइंस की पर्यावरण क्लियरेंस आ चुकी है, उन्हें शुरू किया जाए। बाकी माइंस की पर्यावरण क्लियरेंस भी 2014-15 की सिफारिशें मानते हुए जारी की जाएं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का राजस्थान के लोगों को इंतजार था। प्रदेश की 82 बड़ी बजरी लीज को फिर से शुरू करने की मांग को लेकर यह याचिका नवीन शर्मा ने लगाई थी। वे खुद ही कोर्ट में इस केस की पैरवी कर रहे थे।

सस्ती होगी बजरी
बजरी खनन से रोक हटाने के बाद अब करीब 4 साल बाद खनन की गतिविधियां फिर से शुरू हो सकेंगी। माना जा रहा है कि अभी अवैध रूप से बजरी खनन होकर आ रही थी। इससे बजरी के दाम आसमान छू रहे थे। एक ट्रक बजरी 90 हजार तक पहुंच गई थी। अब लीगल परमिशन के बाद दाम जल्द ही नीचे आएंगे।

बजरी ट्रक वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष नवीन शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जताते हुए सरकार मांग करते हुए कहा कि राज्य सरकार अब जल्द से जल्द इस फैसले को लागू करवाएं, ताकि आमजन से महंगी और अवैध बजरी खरीदने से राहत मिल सके। साथ ही सख्ती के साथ अवैध खनन पर भी रोक लगाने की मांग की है।

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