जयपुर: जयपुर ग्रेटर की निलंबित मेयर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर और BVG कंपनी के प्रतिनिधि ओमकार सप्रे को ACB ने बुधवार दोपहर को कोर्ट में पेश किया। जयपुर में सफाई करने वाली BVG कंपनी से 20 करोड़ रुपए की रिश्वत लेनदेन सौदेबाजी प्रकरण में आरोपी राजाराम गुर्जर और BVG कंपनी के प्रतिनिधि ओमकार सप्रे की रिमांड पर कोर्ट में बहस हुई। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखते हुए आरोपियों को 2 जुलाई तक रिमांड लेने की मंजूरी दे दी है।
आरोपियों को ACB ने कोर्ट में पेश किया
दोनों आरोपियों को मिनी सचिवालय स्थित ACB कोर्ट में पेश किया। आरोपियों ने अपनी दलील में कहा कि राम मंदिर और प्रताप फाउंडेशन में चंदा देने के लिए बातचीत हुई थी। कंपनी में सीएसआर फंड के तहत 2% चंदा दिया जाता है। आरोपियों ने कहा कि ACB ने मनगढ़ंत कहानी बनाकर मुकदमा दर्ज किया है। वहीं ACB का कहना है कि ऑडियो/वीडियो की जयपुर और हैदराबाद (तेलंगाना) में जांच करवाई गई है। ACB ने दोनों आरोपियों को तीन दिन की रिमांड पर लेने की मांग रखी। जिसका आरोपियों के अधिवक्ताओं ने विरोध किया। जज उपेंद्र शर्मा ने बहस सुनकर आरोपियों की रिमांड लेने की मंजूरी दे दी है।
सौदेबाजी के वायरल वीडियो ऑडियो केस में एडिशनल एसपी राजेंद्र नैन को अनुसंधान अधिकारी बनाया गया है। बता दें कि जयपुर नगर निगम ग्रेटर की निलंबित महापौर सौम्या गुर्जर के पति आरोपी राजाराम गुर्जर और ओमप्रकाश सप्रे को ACB ने मंगलवार को गिरफ्तार किया था। 10 जून को सोशल मीडिया पर ऑडियो और वीडियो वायरल हुए थे। जिसमें एक कमरे में BVG कंपनी के प्रतिनिधि संदीप चौधरी से राजाराम गुर्जर की चाय पीते हुए बातचीत चल रही थी। वीडियो वायरल होने के बाद डीजी बीएल सोनी के निर्देश पर एडिशनल एसपी बजरंग सिंह ने पीई दर्ज करवाकर जांच की थी।