झुंझुनूं : जजम्मू-कश्मीर के राजौरी में राजस्थान के सूबेदार राजेंद्र प्रसाद (48) सहित 3 जवान गुरुवार तड़के शहीद हो गए। राजेंद्र झुंझुनूं स्थित मालीगांव के रहने वाले थे। 16 जुलाई को ही वह छुट्टी काटकर वापस ड्यूटी पर गए थे। नवंबर में होने वाली अपनी बेटी प्रिया की शादी के लिए आने वाले थे। इस बीच, उनके शहीद होने की खबर परिवार वालों को मिली।
झुंझुनूं शहर से बगड़ इलाके होते हुए चिड़ावा के लिए सड़क जाती है। यहां से ग्रामीण इलाका शुरू हो जाता है। ये सड़क चिड़ावा कस्बे तक जाती है। सड़क के दोनों तरफ हरे-भरे खेत नजर आते हैं। शहीद सूबेदार राजेंद्र प्रसाद 25 दिन पहले इसी रोड से होकर जम्मू कश्मीर में अपनी ड्यूटी पर लौटे थे। जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर चिड़ावा से पहले सूबेदार का गांव आता है- मालीगांव। गुरुवार दोपहर शहीदों के इस गांव में सन्नाटा था।
परिवार के लोगों को सूचना मिल गई थी कि गांव का एक और जवान सूबेदार राजेंद्र शहीद हो गया है। इस गांव में शहीद जयसिंह के नाम की हायर सेकेंडरी स्कूल का बोर्ड नजर आता है। कुछ आगे चलने पर एक और शहीद की प्रतिमा शान से खड़ी नजर आती है। यह लांस नायक भागीरथ सिंह की प्रतिमा है। मालीगांव की मिट्टी ने जवान पैदा किए। देश पर आघात हुआ तो इन जवानों ने अपने सीने पर सारी आफत ली, दुश्मन से मुकाबला किया। उनकी प्रतिमाएं इस गांव के युवाओं को हौसला देती हैं।
गांव के युवकों और राजेंद्र भाम्बू के परिवार के लोगों को उनकी शहादत का समाचार मिला तो अभ्यस्त की तरह उन्होंने श्मशान भूमि पर जाकर साफ-सफाई का काम शुरू कर दिया था। दोपहर 2.30 के करीब दर्जनों युवा तिरंगे में लिपटकर आने वाले अपने एक और जवान की राह गर्व से निहार रहे थे। शोक के भाव कम और चेहरे पर वीरता की गंभीरता ज्यादा नजर आई। राजेंद्र के भतीजे विजेंद्र ने कहा – वे व्यवहारिक और मिलनसार थे। कुछ दिन पहले ही छुट्टी काटकर गए थे। बिटिया प्रिया की शादी नवंबर में होनी थी। दो महीने पहले ही उसकी सगाई की थी। अब यह समाचार आया। हमें उनकी शहादत पर गर्व है।