साहीवाल गायों का वैज्ञानिक विधि द्वारा संवर्धन एवं संरक्षण करें : डॉ. राजकुमार बेरवाल

गायों

बीकानेर : पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (बीकानेर) के अंतर्गत कार्यरत पशु विज्ञान केंद्र सूरतगढ़ द्वारा साहीवाल गाय संवर्धन एवं संरक्षण विषय पर ऑनलाइन प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ. राजकुमार बेरवाल ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए ऑनलाइन माध्यम से सभी पशुपालकों का स्वागत व्यक्त किया तथा साहिवाल नस्ल सुधार कार्यक्रम (सूरतगढ़) के डॉ. संजय बिश्नोई को व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया। जिसमें डॉ.संजय बिश्नोई ने पशुपालकों को साहिवाल डेयरी फार्मिंग को अत्यधिक लाभकारी व दुधारू नस्ल बताते हुए डेयरी फार्मिंग में देसी नस्ल साहिवाल गाय के महत्व को विस्तार से समझाया। वैज्ञानिक प्रबंधन व रखरखाव बताते हुए साहीवाल गाय के ताव (मद) के लक्षणों को पहचानना, गायों का रिकॉर्ड, कृत्रिम गर्भाधान के महत्व बताये तथा केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ. राजकुमार बेरवाल ने पशुपालकों को साहिवाल गाय का महत्व बताते हुए इसके शारीरिक विशेषताएं बताई।

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साहीवाल नस्ल डेयरी के लिए एक उत्तम नस्ल बताते हुए कहां की पशुपालकों की आजीविका का उत्तम साधन है और पशुपालक निरंतर पशु विज्ञान केंद्र से इनके प्रबंधन की समय-समय पर जानकारी प्राप्त कर वैज्ञानिक विधि द्वारा अच्छा उत्पादन कर सकते है। केंद्र के डॉ. अनिल घोड़ेला तथा डॉ. मनीष कुमार सेन ने डेयरी पशुओं के बाहरी परजिवीयों तथा विभिन्न भयंकर बीमारियों से रोकथाम के बारे में जानकारी दी। जैसे एफ एम डी, गलघोटू, लंगड़ा बुखार, लूसेलोसिस, एंथ्रेक्स आदि तथा पशुओं में नस्ल सुधार एवं संरक्षण की विधि के बारे में विस्तार से बताया और साहिवाल नस्ल के बछे बचछियों मैं कर्मी नाशक दवाई , टीकाकरण शेड्यूल तथा मिनरल मिक्सर आदि के महत्व को विस्तार से बताया। पशुओं में रोग निदान प्रयोगशाला के बारे में भी जानकारियां दी। प्रशिक्षण शिविर में कुल 44 पशुपालकों ने भाग लिया।

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