जयपुर। राज्य में राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियम और मानक संचालन प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाएगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम एवं पीएचईडी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार ने इसके लिए निदेशक माइंस की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है जिसे जल्दी ही अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से माइंस विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि खनन क्षेत्र में प्रदेश को अग्रगामी प्रदेश बनाने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए राज्य सरकार ने निवेशोन्मुखी, रोजगारपरक, अधिक राजस्व संग्रहण करने वाले सरलीकृत नियम बनाने का निर्णय लिया है। उन्होेंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा इस दिशा में लगातार कदम उठाए जा रहे हैं और उसी का परिणाम है कि इसी माह प्रदेश में जिप्सम मिनरल के डीलर्स के पंजीयन और ईटीपी प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाते हुए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट घोषणा में नियमों के सरलीकरण की घोषणा की है और बजट घोषणा के क्रियान्वयन में विभाग ने कदम उठाते हुए कमेटी का गठन कर सरलीकरण का कार्य शुरु कर दिया है। उन्होंने बताया कि राजस्थान में बहुमूल्य खनिजों का अथाह भण्डार है और पिछले दिनों में खनिज खोज और खनन प्लॉटों तैयार कर नीलामी के जो समन्वित प्रयास किए गए हैं उनके सकारात्मक परिणाम आने लगे हैं। बंशीपहाड़पुर में खनन गतिविधि आरंभ होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए जोधपुर बेरी गंगा क्षेत्र का डायवर्जन कराने की कार्यवाही प्रगति पर है।
एसीएस डॉ. अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में वैध खनन को बढ़ावा और अवैध खनन पर रोक की नीति के साथ आगे बढ़ रहे हैं। हाल ही समाप्त हुए वर्ष में रेकार्ड खनिज प्लॉट तैयार कर पारदर्शी नीलामी व्यवस्था से नीलाम किए गए हैं। उन्होंने कहा कि अवैध खनन, परिवहन और भण्डारण पर अभियान चलाकर कार्यवाही की जा रही है। निदेशक माइंस कुंज बिहारी पण्ड्या ने बताया कि वर्ष 2021-22 में वित्तीय वर्ष में 6395 करोड़ 15 लाख का राजस्व संग्रहण का नया रिकार्ड बनाया गया है। इसी तरह से एक हजार 9 हैक्टेयर क्षेत्रफल के 422 अप्रधान खनिज प्लॉट का आक्शन कर 224 करोड़ 28 लाख का राजस्व प्राप्त किया गया है। निदेशक पण्ड्या ने विष्वास दिलाया कि उपलब्धियों की इस गति को इस साल भी बनाए रखते हुए पहले से भी बेहतर परिणाम प्राप्त किए जाएंगे।
वीसी में उपसचिव राजेन्द्र शेखर मक्कड, नीतू बारुपाल, ओएसडी महावीर मीणा, एसजी सुनील कुमार टीए सतीश आर्य के साथ ही अतिरिक्त निदेशक हर्षसावन सुखा, बीएस सोढ़ा, महेश माथुर, एसएमई प्रताप मीणा, जय गुरुबख्सानी, धर्मेन्द्र लोहार, अविनाश कुलदीप, अरविन्द नन्दवाना, एमई कृष्ण शर्मा, प्रवीण अग्रवाल आदि ने भी सुझाव दिए।